कानपुर। 14 दिसंबर को क्रिकेट जगत में कई ऐतहासिक मैच खेले गए। ये मैच या तो खिलाड़ियों की वजह से चर्चा में रहे या फिर मैच परिणामों ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया था। इसमें भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों के नाम भी रिकाॅर्ड दर्ज है। मगर एक ने चाहकर बनाया तो दूसरे का अनचाहा रहा।

सबसे धीमा टेस्ट शतक

आज से 41 साल पहले पाकिस्तानी बल्लेबाज मुदस्सर नजर ने टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सबसे धीमा शतक लगाया था। क्रिकइन्फो पर मौजूद डेटा के मुताबिक, साल 1977 में इंग्लिश टीम पाकिस्तान दौरे पर गई थी। सीरीज का पहला टेस्ट 14 दिसंबर से लाहौर में शुरु हुआ। इस मैच में पाकिस्तान ने टाॅस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया। पाक की तरफ से ओपनिंग में आए दाएं हाथ के बल्लेबाज मुदस्सर नजर ने सबसे धीमी पारी खेलकर इतिहास रच दिया था। मुदस्सर दिनभर बैटिंग करते रहे और पहले दिन 52 रन बनाकर नाबाद लौटे। अगले दिन उन्होंने अपनी पारी को आगे बढ़ाया और 449 गेंदों पर 114 रन बनाए। मुदस्सर को यह शतक लगाने में 552 मिनट लगे थे। टेस्ट क्रिकेट इतिहास में यह अभी तक का सबसे धीमा शतक है।

सबसे तेज हाॅफसेंचुरी

14 दिसंबर का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के लिए भी यादगार है। आज ही के दिन तेज गेंदबाज अजीत अगरकर वनडे इतिहास में सबसे तेज हाॅफसेंचुरी जड़ने वाले भारतीय खिलाड़ी बने थे। अगरकर सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं बल्लेबाजी के लिए भी जाने जाते थे। साल 2000 में जिंबाब्वे के खिलाफ पांच मैचों की वनडे सीरीज का आखिरी मैच 14 दिसंबर को राजकोट में खेला गया। जिंबाब्वे ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। भारतीय टीम में सचिन, द्रविड़, सहवाग और युवराज जैसे धुरंधर बल्लेबाज थे। सभी को लगा कि भारत एक बड़ा स्कोर बना देगा, स्कोर तो बना लेकिन इन धुरंधर खिलाड़ियों के बल्ले से नहीं। उस वक्त भारतीय टीम में हेमंग बदानी खेला करते थे, कुछ लोगों ने यह पहली बार नाम सुना होगा। लेकिन बदानी ने इस मैच में 77 रन बनाए। इसके बाद क्रीज पर उतरे दो गेंदबाज आर सोढ़ी और अजीत अगरकर, सोढ़ी ने 53 रन बनाए लेकिन चर्चा तो हुई सिर्फ अगरकर की। इस तेज गेंदबाज ने मैच में 21 गेंदों में पचासा ठोंक दिया। 17 साल से अगरकर का यह रिकाॅर्ड कोई नहीं तोड़ पाया।

पहला टाई टेस्ट मैच

58 साल पहले आज ही के दिन क्रिकेट इतिहास में पहली बार कोई टेस्ट मैच टाई हुआ था। यह मैच ऑस्ट्रेलिया बनाम वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था। मैच के आखिरी ओवर में ऑस्ट्रेलिया को आठ गेंद में छह रन बनाने थे क्योंकि उस समय एक ओवर में आठ गेंदें फेंकी जाती थी और उसके हाथ में तीन विकेट बाक़ी थे। सबको लगा ऑस्ट्रेलिया बस जीतने वाली है, लेकिन गेंद थी तेज कैरेबियाई गेंदबाज वेस हाॅल के हाथों में। आखिरी ओवर की पहली गेंद पर एक रन गया। दूसरी गेंद पर विकेट गिरा अब कंगारुओं को जीत के लिए 6 गेंदों में 5 रन बनाने थे मगर विकेट बचे थे दो। तीसरी गेंद डॉट रही। चौथी गेंद पर बॉई का एक रन मिला। पांचवीं गेंद पर सिंगल गया अब बचे तीन बॉल पर तीन रन। छठी गेंद पर दो रन गए और तीसरे रन के चक्कर में बल्लेबाज रन आउट हो गया। अब बचे थे दो गेंद पर एक रन। दोनों टीमों का स्कोर बराबर हो गया था मगर आखिरी गेंद पर बल्लेबाज एक रन के लिए भागा मगर रनआउट हो गया। इस तरह यह मैच टाई रहा। बताते चलें टेस्ट क्रिकेट में आज तक सिर्फ दो मैच टाई रहे। दूसरा मैच 22 सितंबर 1986 को भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था।

पुलिस की सुरक्षा में बाहर निकली हारी हुई भारतीय टीम

भारत बनाम वेस्टइंडीज के 14 दिसंबर 1983 को एक ऐसा टेस्ट मैच खेला गया जिसे कोई नहीं भूल सकता। यह टेस्ट कोलकाता के ईडन गार्डन पर खेला गया था। इस मैच में भारत को वेस्टइंडीज के हाथों पारी और 46 रन से हार झेलनी पड़ी। कोलकाता के दर्शक भारत की यह हार बर्दाश्त नहीं कर पाए और भारतीय खिलाड़ियों पर फल और बोतल वगैरह फेंकने लगे। आनन-फानन में सभी खिलाड़ियों को भारी सुरक्षा के बीच मैदान से बाहर निकाला गया।

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