किरमानी को प्रशस्ति पत्र

1983 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे 66 वर्षीय किरमानी को बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर ने पुरस्कार दिया। मनोहर ने ही कोहली को भी पाली उमरीगर ट्रॉफी सौंपी। किरमानी को प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और 25 लाख रुपये दिए गए। उनसे जब मौजूदा और उनके समय के विकेटकीपरों की तुलना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने आधुनिक विकेटकीपरों पर कुछ तंज भी कसा। किरमानी ने कहा, "आज कल विकेटकीपिंग तकनीक के बारे में नहीं नतीजा देने के बारे में सोचा जाता है। धोनी ऐसा करने में सफल रहे हैं। अच्छा काम किया धोनी ने। उन्हें गर्व है कि उन्होंने तीन महान स्पिनरों इरापल्ली प्रसन्ना, बीएस चंद्रशेखर और बिशन बेदी के सामने विकेटकीपिंग की।" इस दौरान धोनी भी समारोह में मौजूद थे।

कोहली को दूसरा अवॉर्ड

वहीं साल के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर के लिए पाली उमरीगर ट्रॉफी से नवाजे गए कोहली काफी खुश दिखे। कोहली का कहना है कि उनके करियर का सबसे बड़ा मौका अब तक ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में आया जिसे भारत ने भले ही 0-2 से गंवा दिया, लेकिन इससे पहले मेजबान टीम को कड़ी टक्कर दी। यह दूसरा मौका है जब कोहली को यह सम्मान मिला है। इससे पहले 2011-12 में भी कोहली को इस अवार्ड से नवाजा जा चुका है। वनडे में 5000 रन पूरी करने वाली इकलौती महिला क्रिकेटर मिताली राज को भी एमए चिंदबरम ट्रॉफी से नवाजा गया। घरेलू मैचों में शानदार प्रदर्शन के लिए रॉबिन उथप्पा, विनय कुमार, दीपक हुड्डा जैसे खिलाड़ियों को भी इस मौके पर सम्मानित किया गया।

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