संन्यास की घोषणा

आज मंगलवार को 37 वर्ष के होने जा रहे सहवाग के अलावा कार्यक्रम में वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा, दक्षिण अफ्रीका के ग्र्रीम स्मिथ और पाकिस्तान के अजहर महमूद भी मौजूद थे। इस दौरान जब सहवाग से यह पूछा गया कि वह कैसे इस लीग में भाग लेंगे जो केवल रिटायर्ड खिलाडिय़ों के लिए ही है, तो सहवाग ने कहा, ‘अगर मैं रिटायर नहीं होऊंगा तो मैं नहीं खेलूंगा। मैं वापस भारत जाऊंगा और अपने संन्यास की घोषणा करूंगा।’संभावना जताई जा रही है कि अगले साल फरवरी में एमसीएल का पहला संस्करण खेला जाएगा, इसका एक मतलब यह भी कि वेटरनों की लीग से जुडऩे से पहले सहवाग के पास इस सत्र में हरियाणा के साथ किए अपने करार को निभाने का वक्त होगा।

खराब फॉर्म से भी जूझ रहे

करीब ढाई साल से राष्ट्रीय टीम से बाहर चल रहे सहवाग पिछले कुछ दिनों से खराब फॉर्म से भी जूझ रहे थे और दिल्ली की रणजी टीम को छोडक़र उन्होंने हरियाणा की तरफ से खेलने का फैसला किया था। अपने 16 साल के करियर में कई रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरे शतक और वनडे में दोहरा शतक जमाने का अनूठा कारनामा भी किया। टेस्ट में तिहरा शतक जमाने वाले वह इकलौते भारतीय बल्लेबाज है। उन्होंने करियर में 17,253 अंतरराष्ट्रीय रन बनाए। वनडे में 8273 रन बनाने वाले सहवाग भारत की तरफ से सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाडिय़ों की सूची में पांचवें स्थान पर हैं।1999 में अपना वनडे पदार्पण करने वाले सहवाग को शुरुआत में सीमित ओवरों का खिलाड़ी माना जाता था।

गांगुली ने दांव खेला

क्रिकेटर वीरेंद्र सेहवाग को टेस्ट में सलामी बल्लेबाज को लेकर बनी धारणा को बदलने का श्रेय जाता है। घरेलू क्रिकेट में दिल्ली के लिए मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने वाले सहवाग को 2002 में लॉड्र्स टेस्ट में ओपनिंग में उतारने का कोच जॉन राइट और कप्तान सौरव गांगुली ने दांव खेला। जबकि एक साल पहले सहवाग ने छठे नंबर से टेस्ट क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरुआत करते हुए शानदार शतक लगाया था। लॉड््र्स में 84 रन की पारी खेलने के बाद उनकी भूमिका तय हो गई। यहीं से सलामी बल्लेबाजी को नई दिशा देने की शुरुआत हुई। 2000 रन से ज्यादा रन बनाने वाले सलामी बल्लेबाजों में उनका 82.23 का  स्ट्राइक रेट सबसे ज्यादा है।

जंगल में आग की तरह फैली खबर

लंबे अरसे से राष्ट्रीय टीम से बाहर चल रहे वीरेंद्र सहवाग के संन्यास को लेकर अटकलें तो कई दिनों से लगाई जा रही थीं और जब दुबई में एक कार्यक्रम में उनके मुंह से रिटायरमेंट शब्द निकाला, लोगों ने यह समझ लिया कि इस महान बल्लेबाज ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। देखते-देखते यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। टीवी न्यूज चैनलों पर सहवाग के संन्यास की खबर तैरने लगी। प्रमुख अखबारों के न्यूज पोर्टल पर उनके करियर को लेकर बड़े-बड़े लेख नजर आने लगे। कई खिलाडिय़ों व प्रशंसकों ने सहवाग को सोशल मीडिया पर अपनी शुभकामनाएं दे डालीं। इनमें अनिल कुंबले, आकाश चोपड़ा जैसे नाम भी शामिल रहे। इससे पहले की यह खबर अगले दिन अखबार की सुर्खी बनती, खुद सहवाग ने अपने संन्यास का खंडन कर डाला।

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