-अचानक बढ़ी इंस्पेक्टरों की संख्या का समायोजन हुआ मुश्किल

-वरिष्ठता और सर्विस रिकॉर्ड के आधार पर दी जाएगी जिम्मेदारी

VARANASI

2018 की प्रोन्नति सूची जारी होने के बाद वर्षो से इंतजार कर रहे तमाम दरोगा इंस्पेक्टर हो गए। अब अफसरों के सामने समस्या यह है कि इन इंस्पेक्टरों को जिम्मेदारी क्या दी जाए। एसएसपी और जिले के अफसर इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि नए बने इन इंस्पेक्टरों को थानों के साथ ही बड़ी पुलिस चौकियों की भी जिम्मेदारी दी जाए।

जिले में अब 90 इंस्पेक्टर

मौजूदा प्रमोशन के बाद वाराणसी जिले में अब 90 इंस्पेक्टर हो गए हैं। एक समय था जब बड़े जिलों में भी इंस्पेक्टरों की संख्या चार या पांच ही हुआ करती थी। सबसे सीनियर होने के नाते इन्हें बड़ी जिम्मेदारियां दी जाती थीं। 2013 से बदली सरकार की प्रमोशन नीति का फायदा धीरे-धीरे पुलिसवालों को मिलना शुरू हुआ। पिछले साल तक जिले में 30 से ज्यादा इंस्पेक्टर थे।

मिलेगा अनुभव का फायदा

दरोगा से इंस्पेक्टर बनने वालों में 2001 बैच के बचे हुए दरोगा, 2005 बैच के बाद के सभी दरोगा और इनसे पहले के बैच के सिपाही से दरोगा हुए पुलिसकर्मी शामिल हैं। जाहिर है इनके पास काम का लंबा अनुभव है और अपना खुद का मजबूत मुखबिर तंत्र है। इनके इंस्पेक्टर बनने के बाद पुलिस विभाग को इनके अनुभव का काफी फायदा मिलेगा। इन्हें सर्विस रिकॉर्ड और वरिष्ठता सूची के आधार पर जिम्मेदारियां दी जाएंगी।

वर्जन

वरिष्ठता के आधार पर शासन ने इन पुलिसकर्मियों का प्रमोशन किया है। इनके अनुभव काम में भी नजर आने चाहिए। ऐसा प्रयास है कि जिले की 50 बड़ी पुलिस चौकियों पर इन इंस्पेक्टरों की तैनाती की जाए।

आरके भारद्वाज, एसएसपी

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प्रमोशन सूची जारी होने के बाद रविवार को एसएसपी आरके भारद्वाज ने दरोगा से इंस्पेक्टर हुए 56 पुलिसकर्मियों के कंधे पर तीसरा सितारा लगाकर उन्हें सम्मानित किया। पुलिस लाइन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में एसएसपी ने प्रमोट हुए सभी मातहतों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस प्रमोशन से प्रेरणा लेकर उन्हें अपने काम में और तेजी लानी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान एसपी प्रोटोकॉल, एसपी सिटी और कई सीओ मौजूद थे।