- लड़कियों को जागरूक और आत्मनिर्भर बनाने को पुलिस चला रही अभियान

- स्कूल-कॉलेजों में कैंप लगाकर सिखाएंगे आत्मरक्षा के गुर

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

छेड़खानी और छींटाकशी के मामलों में त्वरित कार्रवाई के साथ ही पुलिस अब बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का भी प्रयास कर रही है। बेटियों को सबल बनाने के लिए 'मिशन आत्मरक्षा' की शुरुआत की गई है। इसके तहत स्कूल-कॉलेजों में छात्राओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ ही कैंप लगाकर उन्हें आत्मरक्षा के गुर सिखाने हैं। अभियान की शुरुआत हो चुकी है। स्कूल-कॉलेज खुलने पर यह रफ्तार पकड़ लेगा।

कहां से मिलेगी तुरंत मदद, जानेंगी छात्राएं

अभियान के तहत कैंप लगाकर छात्राओं को पुलिस हेल्पलाइन और उन नंबरों के बारे में जानकारी देनी है, जहां से उन्हें तत्काल मदद मिल सकती है। इनमें वुमेन पावरलाइन-1090 से लेकर डायल-100, महिला थाना, विकल्प पोर्टल और क्राइम अगेन्स्ट वीमेन पोर्टल शामिल हैं। इनके अलावा छात्राओं को यह भी जानकारी दी जाएगी कि किसी आपात स्थिति में उन्हें क्या करना चाहिए। इसके लिए मोबाइल पर एसओएस सर्विस एक्टिवेट करने के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

जानेंगी अपने विधिक अधिकार

जागरुकता अभियान के क्रम में छात्राओं को यह भी बताया जाएगा कि छेड़खानी या ऐसी घटनाओं के होने पर उनके विधिक अधिकार क्या हैं। उन्हें यह भी बताया जाएगा कि मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया क्या है और इसके बाद महिला अफसर की निगरानी में उनके बयान, मेडिकल आदि कैसे होते हैं।

देंगी मुंहतोड़ जवाब

मिशन के अंतर्गत छात्राओं को आत्मरक्षा के तरीके भी बताए जाएंगे। उनके लिए योगा, कराटे और ताइक्वानडो क्लासेज के साथ पेपर स्प्रे और शॉक वेव उपकरणों के इस्तेमाल के बारे में बताया जाएगा। महानगरों में भी महिलाएं ऐसे उपकरणों का कारगर ढंग से इस्तेमाल करती हैं।

महिला अपराधों के रोकथाम के साथ ही पुलिस यह जनजागरुकता लाने की कोशिश कर रही है। इसके तहत कई स्कूल-कॉलेजों में कैंप लगाए गए हैं और बेटियों को आत्मरक्षा के गुर भी सिखाए जा रहे हैं।

दिनेश कुमार सिंह, एसपी सिटी वाराणसी

बोलते आंकड़े (15 मई तक)

वारदात 2018 2017 2016

दुष्कर्म 23 30 34

अपहरण - - -

दहेज हत्या 12 7 11

दहेज उत्पीड़न 123 104 75

चेन स्नेचिंग 11 18 6

यहां मिल जाती है मदद

- 1090

- डायल-100

- महिला सम्मान प्रकोष्ठ

- यूपी पुलिस पोर्टल