प्वाइंटर
-बनारस शहर में 15 दिन के भीतर शुरू होगी साइकिल सर्विस
-एक रुपये में आधे घंटे कर सकेंगे सवारी, एप बेस्ड होगी सर्विस
-40 चौराहों पर एक हजार साइकिलें उतारेगी पीईडीएल कंपनी
-जीपीएस इनेबल साइकिलों को लोकेट करना होगा आसान
-साइकिल सर्विस वाला देश का आठवां शहर होगा बनारस
शहर की संकरी सड़कें, भीषण जाम में बाइक, कार, ऑटो का धुआं और हॉर्न का शोर, सवारी मिल भी गई तो रिक्शा, ऑटो या ई-रिक्शा वाले से किराए की किचकिच। लेकिन अब 15 दिन में शहर में यह सब दुरुस्त होने वाला है। बंगलुरु बेस्ड कंपनी शहर में जल्द ही रेंटल साइकिल सर्विस शुरू करने वाली है। शहर में यह कंपनी एक साथ एक हजार साइकिलें उतारेगी। 40 चौराहों पर 25-25 साइकिलें रखी जाएंगी जिसका आम शहरी सिर्फ एक एप के जरिए आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे। पीईडीएल नामक यह कंपनी इससे पहले बीएचयू कैंपस में यह प्रयोग कर चुकी है।
40 चौराहों पर 25-25 साइकिलें
रेंटल साइकिल सर्विस के लिए एसपी ट्रैफिक सुरेशचंद्र रावत ने पहल की है। उन्होंने बताया कि शहर के 40 चौराहों पर कंपनी 25-25 साइकिलें खड़ी करेगी। कोशिश है कि यह चौराहे शहर के भीतरी क्षेत्र के हों ताकि संकरी जगह पर लोग इनका इस्तेमाल करें और जाम के साथ ही प्रदूषण से भी निजात मिल सके।
आसान होगा इस्तेमाल
साइकिल का रेंट एक रुपये में आधे घंटे का होगा। कंपनी के एप के जरिए कोई भी व्यक्ति साइकिल बुक कर सकेगा। इसके बाद एप पर क्यूआर कोड स्कैनर के जरिए साइकिल का लॉक खुलेगा, इसका चार्ज भी पेटीएम या अन्य ई-वॉलेट से सीधे कट जाएगा। साइकिलें जीपीएस इनेबल होने के कारण इनकी लोकेशन भी आसानी से मिलती रहेगी। लोग इन्हें एक जगह से ले जाकर दूसरी जगह छोड़ सकते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से हर साइकिल के साथ हेलमेट भी होगा। सभी साइकिलें अत्याधुनिक गियर सिस्टम से लैस होंगी।
बीएचयू में हो चुका है सफल प्रयोग
पीईडीएल के नाम से सर्विस देने वाली जूमकार कंपनी ने इससे पहले 27 फरवरी को आईआईटी बीएचयू के साथ करार किया। बीएचयू में डेढ़ सौ साइकिलें उतारी गई और यह प्रयोग स्टूडेंट्स, टीचर्स और स्टाफ के बीच काफी लोकप्रिय रहा।
आठवां शहर बना बनारस
जूमकार की पीईडीएल सर्विस पुणे के अलावा कोलकाता, बंगलुरु, नई दिल्ली, जयपुर, हैदराबाद, मुंबई में चल रही है। प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र बनारस आठवां शहर होगा जहां पीईडीएल की सेवा उपलब्ध होगी। एसपी ट्रैफिक ने कहा कि सर्विस शुरू होने के बाद अकेले चलने वाले लोग ऑटो या बाइक की जगह छोटी दूरियों के लिए इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे उनकी सेहत भी दुरुस्त रहेगी और प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा।
यूं मिलेगा साइकिल का एक्सेस
- प्रत्येक साइकिल के फोर्क में डिजिटल लॉक होगा जो जूमकार एप के क्यूआर कोड के जरिये ही खुलेगा।
- हर साइकिल जीपीएस से लैस होगी जिससे साइकिल की पल-पल की लोकेशन कंट्रोल रूम में ट्रैक होगी।
- साइकिल के रेंट का पेमेंट पूरी तरह से डिजिटल होगा। यानि सर्विस एंड के बाद आपके अकाउंट से पेटीएम के जरिये पैसे कट जाएंगे।
- कंपनी की सभी साइकिल्स यूनिसेक्स मॉडल की होंगी जिनको लेडीज-जेंट्स दोनों चला सकेंगे।
- जूमकार एप से कोई भी अपने आसपास उपलब्ध साइकिल की लोकेशन व संख्या पता सकेगा।
- ये एप प्ले स्टोर से किसी भी एंड्राइड फोन में डाउनलोड किया जा सकेगा।
- बिना एप के वेबसाइट डब्लूडब्लूडब्लू.पीईडीएल.इन पर लॉगइन करके बुकिंग करना संभव होगा।
- भविष्य में इस सर्विस के रेगुलर कस्टमर्स के लिए मंथली पास की भी सुविधा दी जाएगी।
बयान
कंपनी के अफसरों से बातचीत हुई है। मुख्य शहर के 40 चौराहों के आसपास इन साइकिलों को आम लोगों के इस्तेमाल के लिए शुरू किया जाएगा। प्रयोग सफल रहा तो कंपनी साइकिलों की संख्या बढ़ाएगी।
सुरेशचंद्र रावत, एसपी ट्रैफिक