-जेएचवी हत्याकांड के मुख्य आरोपी 50 हजार इनामी की नाटकीय ढंग से हुई गिरफ्तारी

-आलोक को गुप्त स्थान पर रखकर चल रही है पूछताछ, पकड़ाने के तुरंत बाद ही जीआरपी के व्हाट्सएप नंबर से आलोक की फोटो हुई वायरल

VARANASI

जिस जेएचवी मॉल कांड ने पूरे देश को दहला दिया था उसका मुख्य आरोपी सोमवार को इतने खामोशी से गिरफ्तार होकर जेल चला गया कि बनारस शहर के लोगों को भी पता नहीं चल सका। साथियों संग अंधाधुंध फायरिंग करके दो लोगों की जान लेने और दो लोगों को घायल करने वाले आलोक उपाध्याय की गिरफ्तारी की कहानी जो क्राइम ब्रांच और पुलिस सुना रही है उसमें इतने झोल हैं कि कोई इस पर यकीन नहीं कर पा रहा है। चर्चा तो यह भी है कि फिल्मी अंदाज में की गयी गिरफ्तारी पूरी तरह से प्री प्लान थी और इसकी पठकथा खुद पुलिसवालों ने ही लिखी थी। हालांकि आरोपी आलोक की गिरफ्तारी को पुलिस स्वीकार नहीं कर रही है लेकिन पूरा प्रकरण दिन से ही वाट्सएप ग्रुप में दौड़ रहा है। पुलिस सहित क्राइम ब्रांच की टीम आलोक को किसी गुप्त स्थान पर रखकर पूछताछ कर रही है। जिसे मंगलवार को जेल भेजने की योजना है। हालांकि गिरफ्तारी प्रकरण से पुलिस के आला अधिकारी खुश नहीं हैं।

बाप हुआ बेचैन

आलोक की गिरफ्तारी को बड़ी उपलब्धि मानने वाली पुलिस कहानी बना रही है कि वह पिता के साथ कहीं भागने की फिराक में था उससे पहले कैंट स्टेशन से पकड़ा गया। लेकिन इस कहानी उसके पिता अवधेश ही खारिज कर रहे हैं। कैंट थाने में हंगामा मचाने के दौरान पुलिस पर बेटे की हत्या करने का आशंका जाहिर किया। चर्चा है कि जेएचवी मॉल डबल मर्डर में एसएसपी का कोपभाजन बने पुलिस अधिकारी ने गिरफ्तारी की पठकथा लिखी। आलोक के पिता को आश्वासन दिया गया था कि बेटे का एनकाउंटर नहीं किया जाएगा बल्कि उसकी गिरफ्तारी करके जेल भेज दिया जाएगा। अवधेश के साथ पुलिस आरा गयी। वहां से आलोक को साथ लाया और कैंट से गिरफ्तार दिखाया। पकड़े जाने के घंटे भर बाद भी कैंट थाना में आलोक के नहीं पहुंचने पर पिता अवधेश हंगामा करने लगा। थाना में ही आत्महत्या की चेतावनी देने लगा। क्राइम ब्रांच व कैंट के लाइन हाजिर इंस्पेक्टर राजीव रंजन उपाध्याय पर बेटे का एनकाउंटर कराने की आशंका जाहिर करने लगा। आधा दर्जन से अधिक वकील भी थाना में मौजूद थे। पुलिस ने किसी तरह अवधेश को शांत कराया।

बड़ी डील की चर्चा

जेएचवी कांड के बाद फरार आलोक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस बेताब थी। पिता अवधेश को घटना वाले दिन से ही बैठाए रखा था। जैसे ही आलोक की लोकेशन बिहार के आरा में मिली तो पिता के साथ-साथ पुलिस टीम भी बिहार रविवार को रवाना हो गई थी। चर्चा है कि इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले को बड़ी आसानी से गिरफ्तार करके जेल भेज देने के लिए बड़ी डील भी हुई है। क्योंकि पूरे मामले के पटाक्षेप के लिए तमाम लोग परेशान थे। इस मामले में कैंटोनमेंट एरिया के जेएचवी मॉल के ओनर व बेटे पर भी मुकदमा दर्ज है। वो भी चाहते थे कि आरोपितों की गिरफ्तार जल्द से जल्द और मामले का पटाक्षेप हो।

आईजी ने बढ़ाया था ईनाम

जेएचवी मॉल में अंधाधुंध फायरिंग कर दो युवकों को मौत के घाट उतारने और दो को घायल करने की घटना ने सबको हिलाकर रख दिया था। शासन से लगातार घटना के बारे में फीडबैक लिया जा रहा था। आईजी विजय सिंह मीणा ने आलोक का ईनाम 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया था। जेएचवी हत्याकांड में अब तक दो बदमाशों की गिरफ्तारी हो चुकी है। तीन दिन पहले पुलिस ने हत्याकांड के एक आरोपी रोहित को सारनाथ इलाके से गिरफ्तार किया था। वहीं बिहार के कुंदन व ऋषभ अब भी फरार चल रहे हैं। पुलिस को इन दोनों के पिता का नाम भी नहीं मालूम पता तो खैर दूर की बात है।

कैसे खुल गया सीक्रेट प्लान

जेएचवी कांड के आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच के साथ पुलिस की 12 टीमें लगी हैं। लेकिन आलोक की गिरफ्तारी तत्काल जीआरपी को हो गयी। उसने फोटो भी वाट्सएप ग्रुप पर चला दिया। मीडियाकर्मी भी कवरेज करने पहुंच गए। जैसे आलोक को किसी तरह का नुकसान होने से पहले उसकी गिरफ्तारी का हल्ला हो जाए। इससे आशंका जाहिर होती कि आलोक को सकुशल जेल तक पहुंचाने के लिए सारी तैयारी की गयी थी।