जघन्य हत्याकांड घर में
घर, वो जगह जहां लोग खुद को सबसे ज्यादा महफूज समझते हैं। कहावत भी है, घर में चूहा भी शेर होता है। लेकिन इस शहर में माहौल जुदा है। मेरठ में लोग घरों में भी सेफ नहीं रहे। शहर के ज्यादातर जघन्य हत्याकांड घर में ही अंजाम दिए गए। चाहे वो मतगणना के दिन माधवपुरम में दंपति पर हमला हो या फिर कुछ बरस पहले बेगमबाग का चौहरा हत्याकांड हो।
घर में मर्डर
इसी साल की बात करें तो जनवरी से अब तक कई हत्याएं घर में घुसकर अंजाम दी गई हैं। दो दिन पहले ही माधवपुरम सेक्टर एक में दंपति को घर में घुसकर काट डाला गया। दोपहर में ढाई से तीन के बीच मांगेराम हलवाई के घर हमलावर घुसे और धारदार हथियार से उस पर और पत्नी पर कई वार किए। कातिल बड़े आराम से घर में दाखिल हुए और अंदर से कुंडी लगा ली। इस कातिलाना हमले में हलवाई गंभीर घायल है जबकि पत्नी की मौत हो गई।
हमला किया
एक दिन पहले ही भूसा मंडी के पास प्रताप पुरी में व्यापारी के घर हमला बोला गया। चार बदमाश सुबह छह बजे ही घर में घुस आए और व्यापारी ब्रजमोहन अग्रवाल की पत्नी और बेटे को चाकू मारकर घायल कर दिया। बदमाश ब्रजमोहन को मारने के इरादे से घर में घुसे थे लेकिन शोर-शराबा होने पर भाग निकले। पुलिस का मानना है कि ये मामला आपसी रंजिश का है।
किस काम की पुलिस
पुलिस की मौजूदगी या नामौजूदगी का अब बदमाशों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता। जनता घर में भी सुरक्षित नहीं है इस बात का इल्जाम पुलिस पर क्यों न दिया जाए? थाने, बीट कांस्टेबल, फैंटम, गश्त किस काम की हैं जब बदमाशों खुलेआम घर में घुसकर वारदात कर डालते हैं। कई मामलों में ये भी देखा गया है कि पीडि़त पुलिस में शिकायत दर्ज करा चुका होता है इसके बावजूद उस पर हमला हो जाता है।
कुछ और मामले
- सिपाही प्रदीप को पुलिस लाइन में उसके ही क्वार्टर में मार दिया गया
- विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के मैनेजर अमित विज पर हमला
- लालकुर्ती बड़ा बाजार में आभूषण कारीगर पर दुकान में घुसकर हमला बोला
- लेखानगर में घर में अकेली बुजुर्ग विधवा की घर में ही हत्या कर दी गई
2011 में मर्डर
- यूपी- 4951
- मेरठ- 74
- अपराधों के मामले में मेरठ का 25वां नंबर
- अपराधों में दिल्ली से भी एक कदम आगे मेरठ
- 2010 में मेरठ में हुए 34 मर्डर
- 2011 में हुए 74
- एक साल में हत्या के मामले में 117.6 प्रतिशत का इजाफा
नोट- सोर्स एनसीआरबी