- फर्जीवाड़े को लेकर गंभीर हुई गोरखपुर पुलिस

- बम की सूचना देने वाले का नहीं लगा सुराग

GORAKHPUR: फर्जी आईडी से सिमकार्ड खरीदना और बेचना जी का जंजाल बन सकता है। आपराधिक घटनाओं में फर्जी नाम, पते से इस्तेमाल होने वाले सिमकार्ड को लेकर पुलिस सीरियस मोड में आ रही है। एक फिर से अभियान चलाकर पुलिस फर्जीवाड़ा करने वालों पर शिकंजा कसने के मूड में है। क्राइम ब्रांच की टीम पुराने मामलों की डिटेल बनाने में जुटी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।

फर्जी आईडी हो रही यूज

क्रिमिनल के पीछे लगी पुलिस कई जगहों पर धोखा खा रही है। फर्जी नाम-पते से प्री-एक्टिवेटेड सिमकार्ड लेकर बदमाश पुलिस को छका रहे हैं। जेल के भीतर छापेमारी में बरामद मोबाइल की जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया था। मोबाइल में यूज होने वाले सिमकार्ड फर्जी-नाम पते से लिए गए थे। इसके अलावा कई घटनाओं में फर्जी आईजी का इस्तेमाल करने का मामला सामने आ चुका है। कुछ दुकानदार भी आईडी का खेल खेल रहे हैं। किसी कस्टमर की आईडी का डुप्लीकेट तैयार करके उसका इस्तेमाल दूसरे सिम को एक्टिवेट करने में किया जा रहा है।

कर्मचारी बनाते हैं दबाव

फर्जी आईडी पर सिमकार्ड का मामला सामने पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। वर्ष 2015 में चंदन सिंह के गैंग ने जमकर फर्जी नाम-पते से मोबाइल यूज किया। जांच में जुटी पुलिस ने कई ऐसे लोगों को उठाया जिनको उसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद पुलिस ने जिले भर में अभियान चलाकर कार्रवाई की। दुकानदारों ने पुलिस को बताया कि मोबाइल कंपनी के कर्मचारी इसमें शामिल होते हैं। वह लोग प्री एक्टिवेटेड सिमकार्ड बेचने का दबाव बनाते हैं। ज्यादा लाभ के चक्कर में दुकानदार किसी के नाम-पते से सिम एक्टिवेट करके बेच देते हैं।

पुलिस की कुछ प्रमुख कार्रवाई

- 20 अगस्त पीपीगंज एरिया के कई दुकानों में छापेमारी, भारी मात्रा में सिमकार्ड बरामद

- 10 अगस्त 2015 खोराबार एरिया के रामनगर कड़जहां में मोबाइल की दुकान पर छापा, पहले से जारी एक्टिवेटेड सिम बरामद

- 19 मार्च 2015 को बेलीपार एरिया के डंवरपार में पुलिस ने छापा मारा। एक दुकानदार और मोबाइल कंपनी के कर्मचारी पर मुकदमा दर्ज कराया गया।

- 12 फरवरी 2015 को कोतवाली एरिया के मियां बाजार, हट्ठी माई स्थान के पास कार्रवाई में कई लोग पकड़े गए।

- 26 अक्टूबर 2012 को गोरखनाथ एरिया के धर्मशाला बाजार में पुलिस ने छापेमारी की। छह लोगों को अरेस्ट करके पुलिस ने जेल भेजा।

ये बरतें सावधानी

- पहले से एक्टिवेटेड सिम कार्ड कतई न खरीदें।

- परिचित मोबाइल विक्रेता से सिमकार्ड खरीदने की कोशिश करें।

- भरोसे की दुकान पर आईडी देने से उसके दुरुपयोग की संभावना नहीं होती।

- किसी दुकानदार पर गड़बड़ी मिलने की सूचना पुलिस को दें।

बम की धमकी देने वाले की तलाश

दो मार्च को किसी ने बम की सूचना देकर सनसनी फैला दी। पहले उसने बताया कि स्टार नर्सिग होम में बम रखा गया है। इसके बाद फोन करने वाले ने रेलवे स्टेशन परिसर और सिटी मॉल में बम रखे जाने की जानकारी दी। घंटों छानबीन के बाद पुलिस बम का सुराग नहीं लगा सकी। तीन मार्च को सिविल एयरपोर्ट पर किसी ने फोन कर दिल्ली से आने वाली जेट एयरवेज की फ्लाइट में बम रखे होने की सूचना दी। इन सूचनाओं से अफरा-तफरी मची रही। हर सूचना को गंभीरता से लेकर पुलिस ने जांच की। लेकिन सूचना देने वाला का पता नहीं लग सका।

फर्जी नाम-पते से सिमकार्ड का इस्तेमाल गलत है। इसके खिलाफ फिर से अभियान चलाया जाएगा। सिमकार्ड बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अभय कुमार मिश्र, सीओ, क्राइम ब्रांच