-बदमाशों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने चौकी और गाडि़यों की बुझाई बत्ती

-कच्छा-बनियान बदमाशों की दहशत के बाद पुलिस ने की अंधेरी गश्त

BAREILLY: अंधेरी रातों में कच्छा-बनियान गिरोह ने ताबड़तोड़ लूट की वारदातें की। इन वारदातों से बरेली पुलिस इतनी दहशत में आ गई गई कि पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए अंधेरे का अंधेरा प्लान बना लिया। प्लान के तहत चौकी और पुलिस गश्त के वाहनों की लाइट को बंद किया गया। ताकि बदमाशों को पुलिस का पता न चल सके, लेकिन पुलिस का यह प्लान भी काम नहीं आया। जबकि चौकी और पुलिस की गाडि़यों में बेकन लाइट इसलिए लगाई गई थी कि लाइट और सायरन की आवाज से चोर-बदमाशों में दहशत रहे। लेकिन बरेली पुलिस बदमाशों में दहशत पैदा करते-करते खुद ही डर गई।

एकादशी से शुरू हुआ सिलसिला

16 सितंबर यानि कृष्ण पक्ष की एकादशी की अंधेरी रात से एकाएक नवाबगंज कस्बे में कच्छा-बनियान गिरोह ने टीचर सुभाषचंद्र के घर धावा बोल दिया। यहां पर बदमाशों ने टीचर और पड़ोसी के घर में लूटपाट की और टीचर का मर्डर भी कर दिया। पुलिस अभी वारदात के खुलासे की प्लानिंग ही कर रही थी कि फिर देवरनियां, भुता, फरीदपुर, फतेहगंज पूर्वी, किला और भोजीपुरा में लूट-डकैती की वारदातों को अंजाम दिया। एक के बाद एक वारदातों के बाद बदमाशों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने कई प्लानिंग की, लेकिन बदमाश हाथ नहीं आए।

आउटर में लगाई गई पिकेट

बदमाशों ने अधिकतर वारदातों को पहले कस्बों के आउटर एरिया के घरों में अंजाम देना शुरू किया। यह सभी घर खेतों या खाली पड़े प्लाट से लगे हुए थे। यहां पुलिस कभी विजिट ही नहीं करती थी। इसी वजह से बदमाश आसानी से फरार होते रहे। बदमाशों की धरपकड़ के लिए यहां भी गश्त के इंतजाम किए गए।

पब्लिक से कराया रतजगा

बदमाशों की पकड़ने में नाकाम पुलिस ने पब्लिक का भी रतजगा कराया। इसके लिए सभी थानों की पुलिस ने आउटर एरिया में जाकर पब्लिक के साथ मीटिंग की और उन्हें रात में अलर्ट रहने के निर्देश दिए। सुरक्षा समितियों को अलर्ट किया गया, लेकिन यहां भी बदमाश पुलिस से आगे रहे।

गूगल मैप भी नहीं आया काम

पुलिस ने आउटर एरिया को चिह्नित करने के लिए गूगल मैप की भी मदद ली। इसके जरिए थाना प्रभारियों ने अपने थाने के आउटर एरिया को चिह्नित किया। यहां पुलिस ने गश्त भी की, लेकिन यह प्लानिंग भी फेल हो गई।

अंत में सब अंधेरा हो गया

बदमाश अंधेरी रात में वारदातों को अंजाम दे रहे थे। इसलिए पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए अंधेरे की प्लानिंग की। इसके लिए रात होते ही सभी आउटर चौकियों की लाइट बंद कर अंधेरा रखा गया, ताकि बदमाश वहां से गुजरें तो उन्हें न पता चले कि पुलिस है। इसके अलावा पुलिस की सभी गश्त में लगने वाली गाडि़यों की बेकन लाइट भी बंद करायी गई ताकि पुलिस की गश्त का न पता चल सके, लेकिन सभी प्लानिंग की तरह यहां भी अंधेरा छा गया और बदमाश पकड़ में नहीं आए।