-सुरक्षा के नाम पर सिर्फ कोरमपूर्ति, गायब हो जाती पुलिस

-देर शाम तक मंदिर से आने जाने वालों का लगा रहता तांता

GORAKHPUR: शहर से सटे कुसम्ही जंगल में घूमने जाने वाले सुरक्षित नहीं हैं। जंगल में किसी के साथ कभी भी कोई वारदात हो सकती है। लूटपाट, छिनैती के साथ-साथ मनबढ़ युवक परिवार की महिलाओं संग बदसलूकी कर सकते हैं। शाम ढलने पर यह खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। यह हम किसी को डराने के लिए नहीं बता रहे, बल्कि कुसम्ही जंगल घूमते हुए सजग रहने के लिए कह रहे हैं। बुधवार देर शाम कुसम्ही जंगल में हुई घटना से पुलिस की सुरक्षा सवालों के घेरे में आ गई है। पुलिस गश्त की कमी से कुसम्ही जंगल में कभी भी कोई वारदात हो सकती है। पहले भी जंगल में लूटपाट, छिनैती, मारपीट, छेड़छाड़ और रेप की वारदातें हो चुकी हैं। वारदातों के बावजूद जंगल में पब्लिक की आवाजाही वाली जगहों पर पुलिस की सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध नहीं है। एसएसपी ने कहा कि जंगल में घटनाओं को देखते हुए पुलिस गश्त बढ़ाई जाएगी। आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

देवर संग लौट रही थी युवती

बुधवार को धर्मशाला बाजार की एक शादीशुदा युवती अपने परिवार के सदस्यों संग कुसम्ही जंगल में गई थी। बुढि़या माई मंदिर में दर्शन करने के बाद वह देर शाम लौट रही थी। तभी तीन युवकों ने उसके साथ बदसलूकी शुरू कर दी। युवती के साथ मौजूद देवर ने विरोध किया तो मनबढ़ों ने उसकी पिटाई की। जंगल के भीतर खींचकर लेकर चले गए। युवती के शोर मचाने पर लोग जुटे तो वह किसी तरह से बच सकी। राहगीरों की मदद से उसने पुलिस को सूचना दी। युवती के साथ हुई घटना के बाद हरकत में आई पुलिस ने मनबढ़ों की तलाश की। लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल सका। बताया जाता है कि युवती के साथ बदसलूकी की यह कोई पहली घटना नहीं हुई है। इसके पहले भी कई बार जंगल में जाने वाले लोगों संग लूटपाट, बदसलूकी की वारदातें हो चुकी हैं। 2016 में कुछ युवकों ने एक युवती का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया। उसे खींचकर जंगल में ले जाने लगे। युवती के शोर मचाने पर पब्लिक ने एक आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंपा। उसके तीन-चार अन्य साथी फरार हो गए।

दो सिपाहियों के भरोसे सुरक्षा व्यवस्था

कुसम्ही जंगल में एक ओर बुढि़या माई मंदिर कैंपस है तो दूसरी ओर विनोद वन होने से रोजाना लोगों की भीड़ जुटती है। शहर से सटे होने की वजह से दिनभर लोगों की आवाजाही होती रहती है। महिलाएं, युवतियां, बच्चे और लवबड्स जंगल में घूमने जाते हैं। तकरीबन पांच किलोमीटर के दायरे में देर शाम तक लोगों आवागमन करते हैं। लेकिन पुलिस सुरक्षा के नाम पर यहां कोई इंतजाम नजर नहीं आता। खोराबार थाना के हलका नंबर एक स्थित कुसम्ही जंगल की सुरक्षा के लिए सिर्फ दो सिपाहियों की पिकेट ड्यूटी लगती है। बैठने का कोई इंतजाम न होने से थोड़ी देर तक घूमकर दोनों सिपाही कस्बे की ओर चले जाते हैं। पीआरवी भी उस रास्ते से गुजरकर आगे अपने स्पाट पर चली जाती है। सुरक्षा का परमानेंट इंतजाम न होने से किसी अनहोनी की सूचना पाकर ही पुलिस पहुंचती है।

जंगल में नहीं बन सकी पुलिस चौकी

बुढि़या माई मंदिर और विनोद वन की ओर जाने वाले रास्ते पर झोपड़ी में पुलिस चौकी बनी थी। अस्थायी रूप से बनी पुलिस चौकी में ठहरने का इंतजाम होने से पुलिस कर्मचारी वहां परमानेंट मिल जाते थे। एयरफोर्स स्टेशन से लेकर कुसम्ही बाजार के बीच किसी तरह की घटना होने पर कोई न कोई राहगीर पुलिस को सूचना दे देता था। सूचना मिलने पर पुलिस कर्मचारी अविलंब मौके पर पहुंच जाते थे। मौसम खराब होने पर भी पुलिस कर्मचारियों को गश्त करने दिक्कत नहीं आती थी। रात में पुलिस कर्मचारियों के मौजूद होने से लोग रात में बेखौफ आवागमन कर लेते थे। करीब पांच साल पूर्व आंधी में झोपड़ी की दीवार ढह गई। पुलिस कर्मचारियों ने वहां निर्माण कराना चाहा तो जंगल के भीतर निर्माण कराने से वन विभाग ने मना कर दिया। तभी से पुलिस चौकी का निर्माण नहीं हो सका। इसलिए रात में पुलिस कर्मचारी वहां गश्त नहीं करना चाहते।

पुलिस चौकी से यह होगा फायदा

- कुसम्ही बाजार से लेकर एयरफोर्स तक पुलिस मूवमेंट रहेगा।

- जंगल के रास्ते में लूटपाट, बदसलूकी का कोई खतरा नहीं रहेगा।

- जंगल में हरदम पुलिस कर्मचारियों की मौजूदगी रहेगी।

- रात में किसी इमरजेंसी में पुलिस की मदद ली जा सकेगी।

- ठहरने का स्थान होने से पुलिस की मौजूदगी बनी रहेगी।

- जंगल में पेड़ों की कटान पर लगाम कसने में मदद मिलेगी।

पास्ट हिस्ट्री

28 जून 2017: कुसम्हीं जंगल में युवती के साथ बदसलूकी, जंगल में ले जाकर रेप की कोशिश की।

12 अप्रैल 2017: भाई के साथ कुशीनगर जा रही युवती को मनबढ़ों ने पीटा, बदसलूकी करके भागे।

02 फरवरी 2017: कुसम्हीं जंगल में युवक की सिर कूंचकर हत्या, युवक की पहचान नहीं हो सकी।

20 जनवरी 2017: नंदानगर की दो सगी बहनों से लूटपाट का प्रयास, दोनों मंदिर से लौट रही थी।

08 दिसंबर 2016: अधेड़ की हत्या करके जंगल में डेड बॉडी फेंकी, कोई सुराग नहीं लगा।

21 अगस्त 2016: कुसम्ही जंगल में दंपति से लूटपाट, पुलिस ने मामला मैनेज कराया।

05 सितंबर 2016: युवती को खींचकर मनबढ़ों ने रेप की कोशिश की, गांव के लोगों ने बचाया।

वर्जन

कुसम्ही जंगल में हुई घटना की जांच कराई जा रही है। युवकों के बारे में पता लगाया जा रहा है। बुढि़या माई मंदिर के आसपास पुलिस की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। पुलिस चौकी के निर्माण के संबंध में बात की जाएगी।

आरपी पांडेय, एसएसपी