- रोहनिया पुलिस ने फाइनेंस कम्पनी के लिए रिकवरी के नाम पर गाडि़यों के पा‌र्ट्स को बेचने के बड़े खेल का किया खुलासा - दो गिरफ्तार, छह फरार, लोन न भरे जाने पर संबधित गाड़ी को उठाकर कबाड़ी को बेच देते थे गाड़ी के पा‌र्ट्स 1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ 1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब अगर आप ने गाड़ी लोन पर ली है और लोन न भर पाने के कारण फाइनेंस कम्पनी के रिकवरी एजेंट आपकी गाड़ी सीज कर दिए हों तो गाड़ी वापस लेते वक्त होशियार रहिएगा। क्योंकि हो सकता है कि आपकी गाड़ी से कई कीमती पा‌र्ट्स चोरी होकर कबाड़ी के यहां बेचे जा चुके हों। सुनकर चौंक गए न लेकिन ये सच है। ये खुलासा मंगलवार को रोहनिया पुलिस ने किया है। पुलिस के मुताबिक रिकवरी एजेंट भारी वाहनों को फाइनेंस कंपनी के यार्ड में खड़ा कर उसके पुर्जे निकाल कर कबाड़ी को बेचते थे। बड़े पैमाने पर चल रहे इस धंधे को प्रभावशाली सफेदपोशों का संरक्षण था लेकिन पुलिस ने इस कार्रवाई में सिर्फ दो को गिरफ्तार दिखाया है, जबकि छह फरार हैं। मालिक संग कई थे शामिल एसपीआरए ने बताया कि पूछताछ में आरोपितों ने कबूल किया कि लोन की किश्त न जमा कर पाने पर वाहनों को सीज करने वाली फर्म एमडी एसोसीयेट जिसके संचालक मनीष श्रीवास्तव के लिए वह काम करते हैं। वहीं मनीष श्रीवास्तव और इनके सहयोगी धीरेन्द्र श्रीवास्तव, राहुल सिंह, सौरभ सिंह, गणेश राय वाहन को सीज कर विभिन्न यार्डो में खड़ा कराते थे। इनके वाहन स्वामी से सम्पर्क न होने की दशा में गाडि़यों को काटवा कर अलग-अलग पार्ट को अलग-अलग कबाड़ी को बेच दिया जाता था। इस मामले में प्रदीप गुप्ता व रूपेन्द्र कुमार सिंह की गिरफ्तारी की गयी है जबकि सरगना मनीष श्रीवास्तव, धीरेन्द्र श्रीवास्तव, राहुल सिंह, सौरभ सिंह, गणेश राय और विकाश उर्फ विक्की फरार हैं। डीजे आई नेक्स्ट कर चुका है पहले ही खुलासा भले ही कबाडि़यों के यहां गाडि़यों के पार्ट चोरी छिपे बेचे जाने या फिर दूसरे राज्यों की चोरी की गाडि़यों के कबाड़ी मार्केट में अलग-अलग पुर्जो के बेचे जाने का खुलासा पुलिस ने आज किया हो लेकिन डीजे आई नेक्स्ट ने करीब दो महीने पहले ही चौकाघाट, पिशाचमोचन समेत नदेसर और कई अन्य मार्केट में इस तरह के गोरखधंधे के खेल का पर्दाफाश किया था। जिसके बाद पूर्वाचल ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रमोद सिंह ने इसकी शिकायत एडीजी से लेकर दूसरे अधिकारियों से की भी की थी लेकिन उस वक्त जांच के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।