-मिर्जामुराद थाना में सात दिनों तक हथकड़ी लगाकर बैठाए गए नाबालिग किशोर के मामले पर एडीजी सख्त, एसएसपी को जांच का निर्देश

चोरी की आरोप में मिर्जामुराद थाना में सात दिन तक हथकड़ी लगाकर बंधक बनाए गए नाबालिग किशोर के मामले को एडीजी पीवी रामाशास्त्री ने संज्ञान लिया है। मानवाधिकार के खुले उल्लंघन को दर्शाते इस कांड की जांच के लिए एसएसपी आरके भारद्वाज को निर्देशित कर कार्रवाई का आदेश दिया है। सीओ बड़ागांव को मिले जांच में किशोर सहित परिजनों और थाना प्रभारी से पूछताछ शुरू कर दी गई है। सूत्रों की मानें तो मामले में थाना प्रभारी पर आला अफसरों की नजरें टेढ़ी है। पीडि़त नाबालिग के परिजनों ने बुधवार की सुबह एडीजी कार्यालय में भी इंसाफ के लिए गुहार लगाई।

दरअसल, कानपुर के घाटमपुर से चोरी हुआ एक डंफर जीपीएस के चलते सात दिन पूर्व खोचवां गांव के पास से बरामद हुआ। डंफर के साथ एरिया के ही बीरबलपुर गांव निवासी एक किशोर को पकड़ा गया। किशोर के बताने पर तीन दिन बाद डंगहरिया गांव निवासी एक युवक को भी पकड़ कर थाने में बैठाया गया। मगर, दूसरे दिन पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया लेकिन नाबालिग किशोर को हथकड़ी लगा कार्यालय में कुर्सी से बांधकर बैठा दिया गया था। जब वीडियो वायरल हुआ तो आनन-फानन में मिर्जामुराद पुलिस ने किशोर को मंगलवार की रात में ही रिहा कर दिया था। पीडि़त किशोर पर पुलिसिया जुल्म की इंतेहा तक की गई थी।