- बीएचयू में 17 साल से रखे हुए हैं 2803 बिसरा

एक छोड़ बाकी सभी किए जाएंगे नष्ट, पुलिस ने शुरू की कार्रवाई

VARANASI

बनारस में पिछले 17 साल में हुई ढेरों संदिग्ध मौतों का रहस्य अब कभी उजागर नहीं हो सकेगा। बीएचयू आईएमएस के विधि चिकित्सा विज्ञान संस्थान में रखे 2802 बिसरा को नष्ट करने की तैयारी चल रही है। इन बिसरा के जरिए मौत की वजह समेत अन्य जानकारी सामने लाना था। सालों बीतने के बाद भी कई ऐसे बिसरा थे जिनकी जांच होनी थी या उन्हें मौत के मामलों को उजागर करने में उनकी जरूरत थी। अब पुलिस ने उन्हें नष्ट करने का निर्णय लिया है।

बिसरा से भरा है कई कमरा

विधि चिकित्सा विज्ञान संस्थान के पांच कमरों में 2803 बिसरा के सैंपल रखे गए हैं। सभी संदिग्ध मौत के मामले से जुड़े हैं। इनमें से कई का परीक्षण हो चुका था। इनके स्टोरेज के लिए 16 हजार 830 जार का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनकी संख्या बढ़ती जा रही थी। 17 साल से सुरक्षित इन बिसरा सैंपल में कुछ से संबंधित केस फाइनल हो चुके थे मगर अगले आदेश के इंतजार में इन्हें सहेज कर रखा गया था।

रह जाएगा एक सैंपल

निवर्तमान एसएसपी आरके भारद्वाज के अनुरोध पर डीएम ने सीओ भेलूपुर एपी सिंह, एसीएम प्रथम और डॉ। पीयूष राय की टीम बनाई। जांच के बाद तय किया गया कि 2017 में मृत ममता देवी पत्‍‌नी मनोज राम का बिसरा छोड़कर सभी नष्ट किए जा सकते हैं। बिसरा नष्ट करने की कार्रवाई भी इसी टीम की निगरानी में होगी।

बॉक्स

लंबे समय तक क्यों रखे जाते हैं बिसरा

जहर, किसी दवा के असर या अन्य किसी भी रासायनिक कारणों से मौत होने पर शव का बिसरा सहेजा जाता है। यह दरअसल मृतक की आंतों, पेट और अंदरूनी अंगों का कुछ हिस्सा और फ्लुइड होता है, जिसकी जांच से मौत के कारणों के रहस्य से पर्दा उठ सकता है। किसी भी मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद बिसरा प्रिजर्व करने के पीछे दोबारा जांच या किसी प्रकार की आपत्ति उठने की वजहें होती हैं। साथ ही प्रशासनिक आदेश के बिना इन्हें नष्ट नहीं किया जा सकता।

खास खास

- 5 कमरों में रखे गए हैं बिसरा

- 17 साल पुराने सैंपल भी हैं प्रिजर्व

- 16,830 मर्तबान में रखे गए हैं सभी बिसरा

- 2802 में सैंपल को किया जाएगा नष्ट

1- बिसरा को जांच के लिए रखा जाएगा सुरक्षित