-लंका थाना के सिपाहियों पर पीटने का एआरटीओ ने लगाया आरोप, नरिया तिराहे पर ट्रक से वसूली के विरोध में सिपाहियों से हुआ था विवाद

लंका थाना के नरिया तिराहे पर ट्रकों से सिपाहियों द्वारा वसूली का विरोध करना एआरटीओ समेत उनके भाई को महंगा पड़ गया। आरोप है कि शनिवार की रात जाम के वक्त वसूली कर रहे सिपाहियों को मना किया तो उन्होंने जमकर मारा पीटा। गाजीपुर में तैनात एआरटीओ प्रशासन ने लंका थाना में सिपाहियों पर बंदूक के कुंदे से मारने पीटने की तहरीर दर्ज कराई है। उधर, लंका थाना प्रभारी ने एआरटीओ के आरोप को बेबुनियाद बताया है।

हुआ यूं कि लंका थाना क्षेत्र के नरिया तिराहे पर शनिवार की रात रोजाना की तरह ट्रकों का लंबा जाम लगा था। इसी जाम में एआरटीओ का भाई अजय कुमार फंसा था। अजय के मुताबिक, सिपाहियों द्वारा ट्रकों से वसूली की जा रही थी और इसी कारण जाम लगा था। उसने इस बात का विरोध किया तो सिपाही गाली देते हुए मारपीट करने लगे। टार्च से वार करने के कारण सिर फट गया चेहरे पर भी चोटें आईं। पास में रखे पांच हजार रुपये और मोबाइल भी छीन लिया। उसने तत्काल घटना की सूचना अपने बड़े भाई एआरटीओ प्रशासन विनय सिंह को दी जो संयोग से वाराणसी में थे।

दरोगा ने की सारी हदें पार

घटना का पता लगते ही तुरंत एआरटीओ मौके पर पहुंच गए। उनका आरोप है कि परिचय पत्र दिखाने के बाद एक एसआई ने उसे लेकर फेंक दिया। गाली दी और धक्का-मुक्की करने लगे। इस बीच अपने को फंसता देख सिपाहियों ने थाने पर फोनकर पुलिस की जीप मौके पर बुला ली। एआरटीओ का आरोप है कि एसआई ने बिना कुछ सुने और समझे जबरन मुझे और मेरे भाई को थाने लाकर बैठा दिया।

भाई पर दर्ज है आधा दर्जन मुकदमा

उधर, लंका पुलिस ने एआरटीओ के भाई अजय सिंह पर पहले दु‌र्व्यवहार और मारपीट करने का आरोप लगाया है। पुलिस की ओर से यह भी कहा गया है कि अजय पर 2009 में गुंडा एक्ट लगा था। अन्य कई मामलों में जेल भी जा चुका है। उस पर आधा दर्जन से अधिक मुकदमें भी दर्ज हैं। थाना प्रभारी भारत भूषण तिवारी ने बताया कि मुकदमा अभी दर्ज नहीं हुआ है।