साइबर ठगों ने बदला पैंतरा, निशाने पर अधिकतर एसबीआई एकाउंट होल्डर्स

मोबाइल पर कार्ड बदलने का मैसेज भेज साफ कर दे रहे हैं एकाउंट

केस-वन

सोनिया इलाके की अनामिका यादव के मोबाइल पर मैसेज आया कि आपका एटीएम कार्ड एक्सपायर होने वाला है. कृपया नीचे दिए लिंक पर टच कर दूसरे कार्ड के लिए आवेदन करें. जैसे ही अनामिका ने फार्म भरा उनका एकाउंट साफ हो गया. अब एसबीआई की मेन ब्रांच कचहरी का चक्कर लगा रही हैं.

केस-टू

सेंट्रल व बनारस बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अमरनाथ शर्मा के एसबीआई मेन ब्रांच कचहरी एकाउंट से चार-पांच बार में 2 लाख 79 हजार रुपये गायब हो गए. जालसाजी कैसे हुई यह बैंक अधिकारी भी नहीं बता पाएं. कैंट थाना में एफआई दर्ज हुआ लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला.

केस-थ्री

चांदपुर निवासी अभिषेक मिश्रा के मोबाइल पर मैसेज आया कि एसबीआई में जॉब के लिए वैकेंसी आई है, उत्सुकतावश अभिषेक मिश्रा ने दिए गए लिंक को टच कर फार्म फिलअप किया. रात में उनके एकाउंट से 26 हजार 500 रुपये विड्रा होने का मैसेज आया. वे अगले दिन मंडुवाडीह ब्रांच पहुंचे, लेकिन वहां से भी कोई सटीक जवाब नहीं मिल सका.

ये तीन केस तो महज एक बानगी भर हैं. साइबर ठगों ने ठगी का पैंतरा बदलते हुए अब और खतरनाक ट्रिक अपना लिया है. इसमें न चाहते हुए भी उपभोक्ता फंस जा रहे हैं. खास बात ये है कि एकाउंट से रुपये गायब होने की जानकारी मिलने के बाद उपभोक्ताओं को बैंक से राहत नहीं मिल रही है. साइबर ठगों के निशाने पर अधिकतर एसबीआई ब्रांच के एकाउंट होल्डर्स हैं. अभी तक जिस तरह से साइबर क्राइम की घटनाएं सामने आ रही हैं उसमें पीडि़त अधिकतर एसबीआई के निकल रहे हैं. डॉक्टर्स, बिजनेसमैन, अधिवक्ता, स्टूडेंट्स, किसान अधिकतर शिकार बन रहे हैं.

इस तरफ भी करते हैं जालसाजी

डिजिटल दौर में जहां बेशुमार सुविधाएं मिल रही हैं तो वहीं इनका दुरुपयोग भी तेजी से हो रहा है. हैकर मोबाइल पर बैंक अधिकारी बन पब्लिक का एटीएम पासवर्ड पूछकर खाता साफ कर दे रहे हैं. किसी के एटीएम का क्लोन बनाकर ऑनलाइन शॉपिंग कर ली जा रही है. यही नहीं, एटीएम बूथ में एटीएम कार्ड बदल कर रकम उड़ाने वाले जालसाज भी एक्टिव हैं. ऐसी शिकायतें रोज थाना, चौकियों पर पहुंच रही हैं. मामले को एक नजर देखने के तुरंत बाद इसे साइबर सेल के हवाले कर दिया जा रहा है. साइबर सेल में ऐसी हजारों शिकायतें पहुंची हैं लेकिन निस्तारण के नाम पर जीरो रिस्पांस है.

पीडि़त करे रहने की व्यवस्था

साइबर सेल में कुछ केस ट्रेस भी हो जाते हैं तब पर भी ऑफिसर आरोपी को पकड़ पाने में असमर्थ ही साबित होते हैं. कारण कि जैसे आरोपी का पता लगा कि वह बंगलुरू में है. पीडि़त से कहा जाता है कि टिकट और होटल में रहने की व्यवस्था करें तो चलकर आरोपी को दबोचा जाए. अब जिसका 40 हजार गया है वह फिर से दस से बीस हजार रुपये गलाने को तैयार नहीं होता है. यही वजह है कि अन्य पीडि़त भी तैयार नहीं होते हैं. साइबर सेल की भी मजबूरी है कि उसे बाहर जाने के लिए बजट की व्यवस्था नगण्य ही है.

हरियाणा, बिहार-झारखंड गैंग एक्टिव

साइबर सेल में दर्ज मामले जरूर बनारस के हैं लेकिन अधिकतर केस के आरोपी बिहार-झारखंड, हरियाणा, मुंबई, पुणे, बंगलुरू, भुवनेश्वर, नई दिल्ली के सामने आते हैं. यही कारण है कि साइबर सेल के अधिकारी व कर्मचारी चाहते हुए भी मामले का पटाक्षेप नहीं कर पा रहे हैं. कुछ बड़े मामलों में जब दबाव पड़ता है तो बाहर जाकर घटना का खुलासा करते हैं.

ट्रेंड में यह जालसाजी

- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पाएं फ्लैट, लिंक पर टच करें

- प्रधानमंत्री सोलर पैनल के लिए आवेदन

- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत फ्री लैपटाप

- 501 रुपये में पाए आईफोन, करें आवेदन

- एटीएम कार्ड एक्सपायर हो गया है, लिंक पर टच कर नया आवेदन करें

- एटीएम कार्ड बदलकर रकम निकाल लेना

- एकाउंट से फर्जी तरीके से ऑनलाइन शॉपिंग

- फोन पर पासवर्ड पूछकर रकम उड़ा देना

- ऑनलाइन शॉपिंग के तहत वेबसाइट से धोखा

एक नजर

45

शिकायतें लगभग आती हैं हर मंथ साइबर सेल में

05

शिकायतों का होता है महीने में निस्तारण

1200

सौ से अधिक शिकायतें हैं लंबित

एसबीआई की ओर से कार्ड बदलने या इनाम जैसे मैसेज नहीं भेजे जाते हैं. इस तरह के मैसेज आएं तो तत्काल डिलीट मार दें. कोई अधिकारी बन बात करे तो एक बार ब्रांच में आकर पूछताछ कर सकते हैं, शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

विनय कुमार, पीआरओ

एसबीआई मेन ब्रांच, कचहरी