-शहर में शराब-बीयर की दुकानों पर ओवररेटिंग की शिकायत पर होगी कार्रवाई

- स्टाक मिलान नहीं करने वालों पर भी लटकेगी कार्रवाई की तलवार, डीएम की जांच में सामने आई है गड़बड़ी

बाराबंकी शराब कांड के बाद से सूबे में कोहराम मचा हुआ है. शराब के अवैध ठिकानों पर छापेमारी चल रही है. वहीं वैध शराब-बीयर की दुकानों पर भी नजर रखी जा रही है. स्टाक का मिलान करने से लेकर रेट लिस्ट तक की जांच की जा रही है. शहर में तो डीएम तक खुद शराब-बीयर की दुकानों की जांच कर रहे हैं. आबकारी विभाग को भी निर्देशित किया गया है कि लगातार छापेमारी कर नियम को हवा में उड़ाने वाले शराब ठेकों को तत्काल निरस्त करने से लेकर ब्लैक लिस्टेड तक करें. यह तय किया है कि स्टॉक का मिलान और दुकान के बाहर रेटलिस्ट जरूर चस्पा रहे. ऐसा नहीं करने वालों के ठेके ब्लैकलिस्ट में डाल दें.

आबकारी ने बंद की है आंख

ओवर रेटिंग की कम्प्लेन गाहे-बगाहे आबकारी अधिकारियों के यहां पहुंचती रहती है. कुछ शिकायतकर्ता खुलकर तो कुछ गोपनीय तरीके से शिकायत दर्ज कराते हैं. मगर फिर भी आरोपी दुकानदारों पर कार्रवाई नहीं होती है. सबसे बड़ी बात कि जिन आबकारी के सेक्टर इंस्पेक्टर के कंधे पर जिम्मेदारी होती है वह खुद आंखे मूंद लेते हैं. बोतल पीछे 20 से 40 रुपये तक कस्टमर्स से अधिक वसूले जाते हैं. जबकि इसकी जानकारी सेक्टर इंस्पेक्टर को रहती है.

इंस्पेक्टर ने कैसे लगाई रिपोर्ट?

ई-ठेकों के तहत शराब-बीयर की दुकानों के आवंटन में भी घोर लापरवाही बरती गई है. डीएम ने यह भी माना कि देवालय-विद्यालय के पास मदिरालय को परमिशन देने वाले संबंधित सेक्टर इंस्पेक्टर ने रिपोर्ट कैसे लगाई? डीएम ने आबकारी अधिकारी से पूरी डिटेल मांगी है. शहर में ऐसे अनगिनत स्थान हैं जहां नियम विरूद्ध शराब-बीयर की दुकानें खुल गई है. चूंकि जिस कबीरचौरा स्थित शराब दुकान पर डीएम सुरेंद्र सिंह रविवार की रात पहुंचे थे वह एक मंदिर के ठीक बगल में था. यही देखकर डीएम और सीडीओ ने दुकान का इंस्पेक्शन किया.

कार्यक्षेत्र में फेरबदल की आशंका

डीएम सुरेंद्र सिंह की छापेमारी का असर है कि सोमवार को आबकारी कार्यालय में दिन भर बैचेनी रही. चर्चा है कि कुछ सेक्टर इंस्पेक्टर की भूमिका भी जांची जा रही है. सेक्टर इंस्पेक्टर के कार्यक्षेत्रों में भी बदलाव किए जाने की चर्चाएं तेज है.

ये है नियम

-किसी एरिया में शराब की दुकान खोलने से पहले इलाके में मुनादी करवाना और नोटिस चिपकाना जरूरी है.

-अगर इलाके की जनता विरोध करती है, तो वहां दुकान नहीं खुल सकती.

-बीयर-शराब की दुकान के 50 मीटर के दायरे में कोई भी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या कोई दूसरा धार्मिक स्थल नहीं होना चाहिए

-स्कूल-कॉलेज के आसपास भी शराब की दुकानें नहीं होनी चाहिए

-सेक्टर इंस्पेक्टर की रिपोर्ट पर दुकानों के खुलने की परमिशन दी जाती है

-सेक्टर इंस्पेक्टर जांच करते हैं कि दुकान के आसपास क्या है?

-दुकान के पूरब-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण में क्या मौजूद है

-जांच की प्रक्रिया एक माह तक चलता है.

-सेक्टर इंस्पेक्टर की रिपोर्ट पर जिला आबकारी अधिकारी दुकान खोलने की परमिशन देते हैं