डीजीपी के यहां से जाते ही मानों जनपद में क्राइम की बाढ़ आ गई हो। चाहे आम हो या खास सभी अपराध के डर से भरे हुए हैैं। लोगों का विश्वास पुलिस पर से उठ चुका है। हर रोज मर्डर, लूट व चोरी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है । वहीं मेरठ पुलिस की कुंभकर्णी नींद टूटने का नाम नही ले रही ।

डीजीपी के जाने के बाद बढ़ा क्राइम रेट

जिले में लगातार हो रहे वारदातों का क्रम मंगलवार को भी जारी रहा। पुलिस की नाकामी के चलते हौसला बुलंद बदमाशों ने दो बड़ी घटना को अंजाम दे डाला। एक तरफ जहां दिन-दहाड़े मोदीपुरम में पेट्रोल पंप मैनेजर से कैश लूट लिया गया तो दूसरी ओर सोमवार की लेट नाइट खरखौदा में बदमाशों ने खाकी का सहारा लेकर एक ट्रक ड्राइवर को लूटा और गोली मारकर फरार हो गए। हैरान करने वाली बात ये है कि, जिन स्थान पर घटनाओं को अंजाम दिया गया वहां हर वक्त पुलिस पिकेट मौजूद रहती है।

 

तीन बाइक पांच बदमाश

पल्लवपुरम फेज-टू में भारत पेट्रोल पंप पर सुरेंद्र सिंह पुत्र राजकेश सिंह मैनेजर है। मंगलवार को ऑयल सेल के छह लाख नब्बे हजार रुपए सुरेंद्र सिंह को एसबीआई बैंक में जमा कराने थे। वह अपनी स्कूटर की डिग्गी में रुपयों से भरी पॉलीथीन रखकर बैंक के लिए निकला। करीब पौने ग्यारह बजे जैसे ही वह एचडीएफसी बैंक के पास पहुंचा तो तीन बाइक पर सवार पांच बदमाशों ने धावा बोल दिया। बदमाशों में एक सीबीजेड पर दो स्पलेंडर पर दो-दो बदमाश थे। सीबीजेड वाले ने स्कूटर के सामने अपनी बाइक लगा दी।

लूट ले गए कैश

सीबीजेड वाले ने जैसे ही स्कूटर रोकी पीछे से आए स्पलेंडर सवार बदमाशों ने सुरेंद्र को धक्का देकर गिरा दिया। तीसरी बाइक सवार बदमाशों ने डिग्गी खोली और उसमें रखे रुपए लिए। सुरेंद्र को पिस्टल दिखाकर आतंकित करते हुए शोर मचाने पर जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए।

डिग्गी में ताला नहीं था

पूछताछ के दौरान सुरेंद्र ने बताया कि उसकी स्कूटर की डिग्गी में ताला नहीं था। जिसका फायदा उठाकर ये लुटेरे कैश लूटकर ले गए। बदमाशों के बारे में बताया कि सभी युवक बीस से तीस साल की उम्र के थे। किसी ने भी मुंह पर कपड़ा नहीं बाधा था। देखने में स्टूडेंट्स से लग रहे थे। बदमाश लूटने के बाद मेरठ की ओर भागे। पुलिस ने नाकाबंदी करके पकडऩे की कोशिश भी की लेकिन किसी का सुराग नहीं मिला।

खाकी में बदमाश

एमपी मोराना का रहने वाला रविन्द्र पुत्र ट्रक ड्राइवर है। सोमवार की रात वह मोदीनगर से अपने ट्रक में गत्ता लेकर ग्वालियर के लिए चला था। रात में करीब दस बजे बाइपास से होता हुआ वह खरखौदा एरिया में पहुंचा तो उसको बाइक सवार तीन लोगों ने टॉर्च दिखाकर रोकने की कोशिश की। इन तीनों में एक खाकी वर्दी पहने हुए था। रविंद्र ने पुलिस वाला सोचकर ट्रक रोक लिया। जैसे ही ट्रक रोका तो तीनों बदमाशों ने उसको नीचे खींच लिया।

लूट के बाद मार दी गोली

रविंद्र ने बताया कि मैंने इनको पुलिस वाला समझा था लेकिन ये सभी बदमाश थे। मेरे पास आठ हजार रुपए थे जो इन बदमाशों ने छीन लिए। फिर मुझसे माल डिलीवरी का पैसा मांगा। इसके लिए मना कर दिया। इसके बाद बदमाशों ने तमंचा निकाला और सिर पर सटाकर गोली चला दी। गोली सिर से लगती हुई निकल गई। गोली मारने के बाद वो वाले भाग गए। इसके बाद वह ट्रक छोडक़र किसी तरह चौकी तक पहुंच गया। जहां से उसको पुलिस वालों ने बाइक पर ले जाकर संतोष नर्सिंग होम में भर्ती कराया।

कहां व्यस्त है पुलिस

जिस जिले से डीजीपी दौरा कर लौटे हो वहां क्राइम ग्राफ का बढऩा चिंताजनक है। सवाल उठ रहा है कि, पुलिस आखिर कहां व्यस्त है कि, अपराधी हर वारदात के बाद आसानी से भाग निकलने में सफल हो रहे हैैं। आईजी भावेश कुमार अपने कर्मियों की सुस्ती को लेकर खासे नाराज हैं। उन्होंने जिले के सभी आफिसर्स व कर्मियों को एलर्ट रहने के निर्देश भी जारी किए।  

"घटनाओं का बढऩा चिंताजनक है। फिलहाल मैैं बाहर हूं वापस आने के बाद बढ़े अपराध ग्राफ पर रोकथाम की रणनीति तय की जाएगी। इसके साथ ही कर्मियों को एलर्ट रहने के निर्देश दे दिए गए हैं।

-भावेश कुमार, आईजी जोन