- साल 2005 से 10 तक किया गया घोटाला, एडिशनल कमिश्नर ने की जांच

- अध्यक्ष समेत चार पदाधिकारियों के खिलाफ कैंट थाने में दर्ज कराया मुकदमा

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जिला सहकारी बैंक में वर्ष-2005 से 10 तक पांच करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। सहायक आयुक्त सहकारिता विनोद सिंह ने जांच के बाद सोमवार को कैंट थाने में बैंक के अध्यक्ष समेत चार पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। तहरीर में इन सभी पर अभिलेखों में हेराफेरी करने और सहकारी समिति की जमीनों को गलत तरीके से हस्तांतरित करने का आरोप लगाया गया है।

समिति के एकाउंट का नहीं किया इस्तेमाल

सहायक आयुक्त की जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष अजय राय, पूर्व सचिव गजानंद मिश्रा, लेखाकार अनिल श्रीवास्तव और आंकिक सहायक विनोद दुबे ने सहकारी समिति के एकाउंट होने के बावजूद नए खाते खोलवाए और इनके जरिए धन की जमा और निकासी कराई। यह लेनदेन लगभग सात साल तक चला। इस दौरान समिति की चंदौली स्थिति जमीन को गलत तरीके से किसी अन्य को हस्तांतरित कर दिया गया। इसके साथ ही सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों की बिक्री के रिकॉर्ड में भी हेरफेर की गई। नए खातों के जरिए कमीशनखोरी का मामला भी जांच के दौरान खुला। अलग-अलग जगहों से इन खातों में लाखों रुपयों का जमा और निकासी करना पाया गया। सहायक आयुक्त विनोद सिंह ने जांच रिपोर्ट आला अफसरों को सौंपी। अफसरों के आदेश पर सोमवार को उन्होंने कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

इंस्पेक्टर कैंट राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया कि तेलियाबाग स्थित जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष अजय राय समेत चार पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, सरकारी धन के गबन, अभिलेखों में हेराफरी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर इनके खिलाफ विवेचना जारी है।