घुमंतू परिवारों पर पुलिस को शक, कई स्थानों पर दबिश, लूटे गए कई सामान पुलिस को मिले

PRAYAGRAJ: मऊआइमा में बुधवार रात हुई डकैती व सत्येंद्र पाल उर्फ मोनू (30) मर्डर मामले में प्रतापगढ़ और लालगंज के एक गिरोह पर पुलिस को शक है. शक के आधार पर पुलिस की टीमों ने प्रतापगढ़ जिले के लालगंज के तीन गांव में छापा मारकर पूछताछ के लिए कई लोगों को उठा लिया है. डकैतों द्वारा ले जाए गए कुछ सामान भी पुलिस को मिल गए हैं. घटना को अंजाम देने के बाद फरार संदिग्ध व्यक्तियों के परिवार के कुछ सदस्यों भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. डकैतों की तलाश में दो टीमें जुटी हुई हैं.

गुरुवार को सामने आयी थी घटना

मऊआइमा के सराय अलाउद्दीनपुर गांव निवासी रिटायर्ड कर्मचारी इंद्रराज पाल के घर डकैतों ने बुधवार रात धावा बोल दिया था. विरोध करने पर डकैतों ने उनके बेटे सत्येंद्र पाल उर्फ मोनू की हत्या कर दी थी. पत्‍‌नी पुष्पा देवी, बेटी कंचन और साली चंपा देवी को पीटकर बंधक बना कर बेखौफ लूटपाट की गई थी. घटना में कच्छा बनियान गिरोह पर शक था. पुलिस कई बंजारों यानी घुमंतू परिवारों के डेरा से भी कुछ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है.

पुलिस को भटकाने की कोशिश

पुलिस सूत्रों की मानें तो गुरुवार रात ही पुलिस को कुछ सुराग मिले हैं. इसी के आधार पर रात में पुलिस ने लालगंज के कई गांवों में दबिश दी. तलाशी के दौरान इंद्रपाल के घर से लूटे गए कपड़े मिले हैं. हालांकि, लूट का पूरा माल और आरोपित पुलिस के शिकंजे में नहीं आ सके. परिवार के अन्य सदस्यों को हिरासत में लेकर पुलिस ने प्रतापगढ़ के कई और गांवों में दबिश शुरू कर दी. यह खानाबदोश गिरोह ही है. बदमाशों ने जानबूझकर ऐसा भ्रम पैदा किया कि वारदात पश्चिम के कच्छा बनियान गिरोह सरीखी लगे. पुलिस अधिकारी इस मामले में अभी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. शहर और देहात से घुमंतू गिरोह के कई संदिग्धों को उठाया गया है. एसएसपी अतुल शर्मा का कहना है कि कुछ जानकारी मिलने के बाद दबिश देकर संदिग्धों को उठाया गया है. अभी वर्कआउट जैसे हालात नहीं हैं.