- आपराधिक घटनाओं के बावजूद शहर में नहीं हो रहा किराएदारों का सत्यापन

- ऑनलाइन सुविधा होने के बावजूद लोग नहीं दिखा रहे रूचि

VARANASI

जिले में बढ़ती आपराधिक घटनाओं के बावजूद किराएदारों का सत्यापन शुरू तक नहीं हो सका है। कई केस के खुलासे में यह सामने आया कि अपराधी शहरी क्षेत्र की पॉश कालोनी या घनी आबादी वाले इलाकों में छिपकर रह रहे थे। हालांकि पुलिस अफसरों का दावा है कि जल्द ही किराएदारों का सत्यापन कराया जाएगा और बिना सत्यापन किराएदार रखने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

खुल चुकी पोल

पिछले कुछ महीनों में पुलिस की तरफ से किए गए कई आपराधिक वारदातों के खुलासे में यह सामने आया कि अपराधी शहरी क्षेत्र में किराए के कमरे लेकर रहते हैं। अक्सर बाहर से आने वाले गिरोह छात्र या मरीज बनकर कमरे किराए पर ले लेते हैं। शहर में सिलसिलेवार वारदातों के बाद वह आसानी से गायब हो जाते हैं।

ऑनलाइन है सुविधा मगर नहीं उठा रहे फायदा

यूपी पुलिस की वेबसाइट के अलावा मोबाइल एप पर भी किराएदारों के वेरिफिकेशन की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है। लोग सिर्फ एक ऑनलाइन फार्म भरकर किराएदार का सत्यापन करा सकते हैं। इसके अलावा अगर उन्हें किसी प्रकार की शंका है तो उसका जिक्र भी कर सकते हैं। पुलिस खुद किराएदार के मूल निवास स्थान से उसके बारे में जानकारी जुटा लेगी। हालांकि इसके बाद भी मकान मालिक किराएदारों का सत्यापन नहीं करा रहे।

हरकत में आई पुलिस

शिवपुर स्थित आनंद नगर कालोनी में नेपाल की लड़कियों का मामला भी हाल के दिनों का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है। प्रकरण में पहली गिरफ्तारी मकान मालिक की ही हुई जबकि आरोपियों ने कार्रवाई के डर से लड़कियों को हटा दिया था और खुद भी भूमिगत हो गए थे। इसके बाद पुलिस भी हरकत में आई है और बीट के सिपाहियों को सक्रिय करने की कवायद शुरू हो गई है।

बयान

किराएदारों का सत्यापन बेहद जरूरी है। शहर के लोगों से अपील है कि वह अगर नया किराएदार रख रहे हों तो उसकी सूचना स्थानीय पुलिस चौकी या थाने को जरूर दें। सत्यापन के दौरान कोई अराजक तत्व मिला तो वह भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे।

दिनेश कुमार सिंह, एसपी सिटी वाराणसी