कानपुर में पकड़े गये मनी चेंजर गैंग में बनारस के दो शातिर हैं शामिल

बनारस समेत पूर्वाचल में फैला है गैंग का नेटवर्क

VARANASI

कानपुर में 90 करोड़ से अधिक की पुरानी करेंसी मिलने से हड़कम्प मचा है। एनआईए के साथ क्राइम ब्रांच और पुलिस की टीम की कार्रवाई में बड़े खेल का खुलासा हुआ है। गिरफ्तार 16 लोगों के साथ तमाम बड़े नाम बेनकाब हो गये हैं। यह जानकारी मिली कि इस खेल में बनारस के दो शातिरों की अहम भूमिका थी। इन्होंने प्रदेश के कई जिलों में अपना गोरखधंधा खोल रखा था। बनारस में तो इनका बड़ा नेटवर्क है। यह गैंग उन लोगों को फांसता है, जिनके पास पुराने नोट बचे गये हैं। पुलिस अब इन नेटवर्क की तलाश में लगी है।

पुराने नोट के साथ कानपुर में गिरफ्तार मनीचेंजर गैंग के जालसाजों में बनारस के संतकुमार, संजय सिंह भी थे। इन रुपयों को जमा करने में दोनों ने अहम भूमिका निभायी थी। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि काली कमाई करने वाले बड़े बिल्डर और सराफा कारोबारी इनके नेवटर्क में थे। जिस वक्त नोटबंदी का दौर चल रहा था उस वक्त इन लोगों से पुराने नोट लेकर नये में बदलते थे। उस वक्त मोटा कमीशन हासिल किया। ये सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक नोट चेंज होते रहे। इसेक बाद भी लगातार पुराने नोट जमा करने का सिलसिला चलता ही रहा। जमा होते-होते यह रकम 90 करोड़ से ऊपर पहुंच गई। कुछ दिनों पहले ही एक बिल्डर से 25 करोड़ रुपये के पुराने नोट हासिल किया था।

कमीशन का सारा खेल

-मनी चेंजर गैंग बनारस समेत पूरे पूर्वाचल में फैला हुआ है

-कई स्टेज में काम करने वाला गैंग ऐसे लोगों की तलाश करता था, जिनके पास काली कमाई के पुराने नोट हैं

-पुराने को नये नोट में बदलने के बदले 20 से 40 प्रतिशत तक का मोटा कमीशन हासिल किया जाता रहा

-बनारस समेत पूर्वाचल में सक्रिय एजेंट बड़े बिल्डर और सराफा कारोबारियों के रुपये लेकर कानपुर में बैठे गैंग के लोगों के पास पहुंचाते थे

-यहां एक्टिव मनी चेंजर गैंग के मेम्बर बैंक अधिकारियों और एनआरआई के जरिये रुपयों को नये में कनवर्ट करते थे

-पुलिस की मानें तो इस गैंग ने नोटबंदी के बाद कई सौ करोड़ रुपये की अदला-बदली की है

अभी दबे हैं करोड़ों रुपये

मनीचेंजर गैंग कुछ दिनों पहले तक बनारस और आसपास के जिलों से पुराने नोट जमा कर रहा था। करोड़ों रुपये उनके पास थे। बस उनके बदलने का कोई मौका तलाश रहे थे। कानपुर में कार्रवाई के बाद ज्यादातर अंडरग्राउंड हो गये हैं। बनारस के दो शातिरों के पकड़े जाने पर उनके नेटवर्क का पता चला है। इनमें दर्जनों बेरोजगार युवक, सराफा कारोबारी और बिल्डर शामिल हैं।

मनीचेंजर गैंग का कोई नेटवर्क बनारस में मिलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कानपुर में हुई कार्रवाई पर नजर रखी जा रही है। हर इन्फार्मेशन को चेक किया जा रहा है, जिससे मनीचेंजर नेटवर्क के बारे में कोई जानकारी मिल सके।

दिनेश सिंह, एसपी सिटी