चोरी, लूट, मर्डर करना था इनका पैशन

Criminal arrested 

Allahabad: आयुष पाण्डेय हो या फिर विवेक वर्मा। जरायम की दुनिया में एंट्री के बाद दोनों बदमाशों ने अब अपनी नई गैंग बना ली थी। पुलिस कस्टडी से फरार होने के बाद पहले इनोवा लूटा और अब एटीएम लूट की प्लानिंग में लगे थे। लेकिन वारदात को अंजाम देने से पहले ही क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गए। आयुष पर 15 हजार रुपए का इनाम घोषित था. 

पुलिस कस्टडी से फरार 
एसएसपी उमेश श्रीवास्तव ने मंडे को प्रेस कांफ्रेंस में इनके पकड़े जाने का खुलासा किया। पुलिस की नाक में दम करने वाला आयुष पाण्डेय शहर के टैगोर टाउन का रहने वाला था। जरायम की दुनिया में वह यूं ही शामिल हो गया। करीब तीन साल पहले बात ही बात में आयुष अपने साथी के साथ मिलकर एक जज के भतीजे प्रियांश चतुर्वेदी को गोली मार दी थी। गोली सीधे सिर में लगी थी जिसके कारण प्रियांश महीनों तक कोमा में रहा। इस वारदात में आयुष को पुलिस ने पकड़ा लिया। मामला हाईकोर्ट से जुड़ा होने के कारण उसकी जमानत नहीं हो रही थी। 2 अप्रैल 2012 को पेशी पर आने के दौरान आयुष पुलिस की आंख में धूल झोंक कर भाग निकला। आयुष को पुलिस ने वांटेड करते हुए 15 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया.

गैंग बनाकर करने लगे काम 
एसएसपी उमेश श्रीवास्तव ने बताया कि नैनी सेंट्रल जेल में आयुष की दोस्ती विवेक और उसके साथियों के साथ हो गई। विवेक और उसका साथी धीरेन्द्र पर पहले से ही संगीन आरोप हैं। विवेक व धीरेन्द्र ने मिलकर जौनपुर पेशी से लौट रहे अपने साथी नीरज सिंह को छुड़ाने के लिए ट्रेन में हमला किया था। इस दौरान बदमाशों ने पुलिस कांस्टेबल हरेराम यादव और धर्मेन्द्र सिंह की हत्या करके नीरज को छुड़ा ले गए थे। पुलिस ने इस मामले में दो बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया था। जबकि 50 हजार रुपए के इनामी विवेक वर्मा और 10 हजार रुपए के इनामी धीरेन्द्र को अरेस्ट कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया था। नैनी जेल में दोस्ती होने के बाद बदमाशों ने प्लानिंग की। आयुष को पुलिस कस्टडी से फरार करने में गौरव शर्मा ने मदद की और फाइनली वह भाग निकला.

गुडग़ांव में लूट की planning 
कोई पुलिस कस्टडी से भागा था तो किसी की कोर्ट से जमानत हो चुकी थी। सभी साथी एकजुट हो चुके थे। उन्हें बस पैसे की जरूरत थी। उन्हें पता था कि शहर में रहेंगे तो पुलिस की नजर उन पर टिक जाएगी। ऐसे में बदमाशों ने 30 अप्रैल को प्लानिंग कर धूमनगंज एरिया से एक इनोवा गाड़ी बुक कराया। पुलिस की मानें तो इसी इनोवा गाड़ी से आयुष, विवेक वर्मा, धीरेन्द्र और गौरव मिलकर हरियाणा जाने वाले थे। गुडग़ांव के पास एक वोडाफोन के कलेक्शन होने के बाद वहंा लूट की प्लानिंग थी। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश सीधे वहां से इलाहाबाद लौट आते। लेकिन क्राइम ब्रांच ने पन्ना लाल रोड के पास से चारों बदमाशों को अरेस्ट कर लिया। इस ऑपरेशन में क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर मनोज रघुवंशी, एसआई अजय सिंह, राकेश सिंह, ट्रेनी सब इंस्पेक्टर ओम नारायण सिंह कांस्टेबल अभिषेक मिश्रा, राजेश सिंह आदि शामिल रहे. 

ड्राइवर ने खोला राज
इस घटना के वर्कआउट होने में इनोवा के ड्राइवर ने अहम भूमिका निभाई। इनोवा के ड्राइवर सुभाष सिंह ने बताया कि 30 अप्रैल को कुछ लोगों ने इनोवा गाड़ी कुछ घंटों के लिए बुक कराया था। उन्हें विन्ध्याचल मां के दर्शन के लिए जाना था। गाड़ी बुक हो गई और 30 अप्रैल को ही वह चारों लोगों को लेकर मां के दर्शन कराने चल दिया। वहां दर्शन करने के बाद रात में वापस इलाहाबाद के लिए चले थे। रास्ते में कार में बैठे बदमाशों ने करछना एरिया में उसे कोल्ड ड्रिंक में कुछ नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। जिसके बाद उसे होश नहीं आया। जब उसकी नींद खुली तो वह इंडस्ट्रियल एरिया में एक गांव के बाहर पड़ा था। एक मजदूर ने उसे उठाया था। मैं काफी देर तक मदहोश रहा। कुछ समझ में नहीं रहा था। मेरे जेब से मिले मोबाइल नंबर पर गांव वालों ने कॉल करके घर वालों को बुला लिया था। हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट के बाद उसकी हालत सुधरी। पुलिस ने इनोवा लूटने का मामला दर्ज कर लिया था। सुभाष ही वह शख्स था जो पुलिस को चारों बदमाशों का हुलिया बता सकता था। ऐसे में क्राइम ब्रांच में सर्विलांस की मदद और सुभाष के बताए हुलिए से बदमाशों को आसानी से पकड़ लिया.ह्य

Arrested
नेम -आयुष पाण्डेय
एड्रेस-टैगोर टाउन
आरोप-जज के भतीजे को गोली मारना, पुलिस कस्टडी से फरान और इनोवा लूटना
रिकवरी-एक तमंचा और दो कारतूस 
नेम-गौरव शर्मा 
एड्रेस-बैरहना कीडगंज
आरोप-इनोवा लूट  और बाइक चोरी
रिकवरी-एक तमंचा और दो कारतूस
नेम-विवेक वर्मा 
एड्रेस-दरियाबाद 
आरोप-दो पुलिस वालों की हत्या करना, बाइक चोरी करना और इनोवा लूटना
रिकवरी-दो देशी बम 
नेम-धीरेन्द्र प्रताप उर्फ रानू
एड्रेस-जौनपुर 
आरोप-दो पुलिस वालों की हत्या करना, बाइक चोरी करना और इनोवा लूटना
रिकवरी-एक तमंचा और दो कारतूस 

पुलिस कस्टडी से फरार 

एसएसपी उमेश श्रीवास्तव ने मंडे को प्रेस कांफ्रेंस में इनके पकड़े जाने का खुलासा किया। पुलिस की नाक में दम करने वाला आयुष पाण्डेय शहर के टैगोर टाउन का रहने वाला था। जरायम की दुनिया में वह यूं ही शामिल हो गया। करीब तीन साल पहले बात ही बात में आयुष अपने साथी के साथ मिलकर एक जज के भतीजे प्रियांश चतुर्वेदी को गोली मार दी थी। गोली सीधे सिर में लगी थी जिसके कारण प्रियांश महीनों तक कोमा में रहा। इस वारदात में आयुष को पुलिस ने पकड़ा लिया। मामला हाईकोर्ट से जुड़ा होने के कारण उसकी जमानत नहीं हो रही थी। 2 अप्रैल 2012 को पेशी पर आने के दौरान आयुष पुलिस की आंख में धूल झोंक कर भाग निकला। आयुष को पुलिस ने वांटेड करते हुए 15 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया।

गैंग बनाकर करने लगे काम 

एसएसपी उमेश श्रीवास्तव ने बताया कि नैनी सेंट्रल जेल में आयुष की दोस्ती विवेक और उसके साथियों के साथ हो गई। विवेक और उसका साथी धीरेन्द्र पर पहले से ही संगीन आरोप हैं। विवेक व धीरेन्द्र ने मिलकर जौनपुर पेशी से लौट रहे अपने साथी नीरज सिंह को छुड़ाने के लिए ट्रेन में हमला किया था। इस दौरान बदमाशों ने पुलिस कांस्टेबल हरेराम यादव और धर्मेन्द्र सिंह की हत्या करके नीरज को छुड़ा ले गए थे। पुलिस ने इस मामले में दो बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया था। जबकि 50 हजार रुपए के इनामी विवेक वर्मा और 10 हजार रुपए के इनामी धीरेन्द्र को अरेस्ट कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया था। नैनी जेल में दोस्ती होने के बाद बदमाशों ने प्लानिंग की। आयुष को पुलिस कस्टडी से फरार करने में गौरव शर्मा ने मदद की और फाइनली वह भाग निकला।

गुडग़ांव में लूट की planning 

कोई पुलिस कस्टडी से भागा था तो किसी की कोर्ट से जमानत हो चुकी थी। सभी साथी एकजुट हो चुके थे। उन्हें बस पैसे की जरूरत थी। उन्हें पता था कि शहर में रहेंगे तो पुलिस की नजर उन पर टिक जाएगी। ऐसे में बदमाशों ने 30 अप्रैल को प्लानिंग कर धूमनगंज एरिया से एक इनोवा गाड़ी बुक कराया। पुलिस की मानें तो इसी इनोवा गाड़ी से आयुष, विवेक वर्मा, धीरेन्द्र और गौरव मिलकर हरियाणा जाने वाले थे। गुडग़ांव के पास एक वोडाफोन के कलेक्शन होने के बाद वहंा लूट की प्लानिंग थी। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश सीधे वहां से इलाहाबाद लौट आते। लेकिन क्राइम ब्रांच ने पन्ना लाल रोड के पास से चारों बदमाशों को अरेस्ट कर लिया। इस ऑपरेशन में क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर मनोज रघुवंशी, एसआई अजय सिंह, राकेश सिंह, ट्रेनी सब इंस्पेक्टर ओम नारायण सिंह कांस्टेबल अभिषेक मिश्रा, राजेश सिंह आदि शामिल रहे. 

ड्राइवर ने खोला राज

इस घटना के वर्कआउट होने में इनोवा के ड्राइवर ने अहम भूमिका निभाई। इनोवा के ड्राइवर सुभाष सिंह ने बताया कि 30 अप्रैल को कुछ लोगों ने इनोवा गाड़ी कुछ घंटों के लिए बुक कराया था। उन्हें विन्ध्याचल मां के दर्शन के लिए जाना था। गाड़ी बुक हो गई और 30 अप्रैल को ही वह चारों लोगों को लेकर मां के दर्शन कराने चल दिया। वहां दर्शन करने के बाद रात में वापस इलाहाबाद के लिए चले थे। रास्ते में कार में बैठे बदमाशों ने करछना एरिया में उसे कोल्ड ड्रिंक में कुछ नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। जिसके बाद उसे होश नहीं आया। जब उसकी नींद खुली तो वह इंडस्ट्रियल एरिया में एक गांव के बाहर पड़ा था। एक मजदूर ने उसे उठाया था। मैं काफी देर तक मदहोश रहा। कुछ समझ में नहीं रहा था। मेरे जेब से मिले मोबाइल नंबर पर गांव वालों ने कॉल करके घर वालों को बुला लिया था। हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट के बाद उसकी हालत सुधरी। पुलिस ने इनोवा लूटने का मामला दर्ज कर लिया था। सुभाष ही वह शख्स था जो पुलिस को चारों बदमाशों का हुलिया बता सकता था। ऐसे में क्राइम ब्रांच में सर्विलांस की मदद और सुभाष के बताए हुलिए से बदमाशों को आसानी से पकड़ लिया.ह्य

Arrested

नेम -आयुष पाण्डेय

एड्रेस-टैगोर टाउन

आरोप-जज के भतीजे को गोली मारना, पुलिस कस्टडी से फरान और इनोवा लूटना

रिकवरी-एक तमंचा और दो कारतूस 

नेम-गौरव शर्मा 

एड्रेस-बैरहना कीडगंज

आरोप-इनोवा लूट  और बाइक चोरी

रिकवरी-एक तमंचा और दो कारतूस

नेम-विवेक वर्मा 

एड्रेस-दरियाबाद 

आरोप-दो पुलिस वालों की हत्या करना, बाइक चोरी करना और इनोवा लूटना

रिकवरी-दो देशी बम 

नेम-धीरेन्द्र प्रताप उर्फ रानू

एड्रेस-जौनपुर 

आरोप-दो पुलिस वालों की हत्या करना, बाइक चोरी करना और इनोवा लूटना

रिकवरी-एक तमंचा और दो कारतूस