- कैंट थाने से पुलिसवालों को चकमा देकर फरार हुआ शातिर बदमाश

- दो रोज पहले मोहद्दीपुर में डेयरी मालिक से लूट में हुआ था गिरफ्तार

GORAKHPUR:

एक अपराधी को पकड़ने के बाद पुलिसवाले कानून की आंख में धूल झोंकने में लगे हुए थे। इस बीच मौका पाकर अपराधी पुलिसवालों की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गया। मामला कैंट थाने का है। फरार बदमाश कैंट के मोहद्दीपुर में डेयरी मालिक से दो दिन पहले लूट के मामले में गिरफ्तार हुआ था। शातिर को असलहे के साथ गिरफ्तार करने के बावजूद पुलिस ने कागजों में कोई लिखा-पढ़ी नहीं की थी। शातिर बदमाश के इस तरह फरार होने पर कई सवाल उठ रहे हैं। थाना कैंपस से फरार हुए बदमाश को तलाश करने के लिए क्राइम ब्रांच के साथ ही पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं।

सूचना पर फूल गए हाथ पांव

पुलिस के मुताबिक फरार अपराधी बुधवार सुबह करीब सात बजे नैचुरल कॉल के लिए थाने के लॉकप से निकाला गया था। इसी दौरान मौका देखकर वह थाना कैंपस से भाग निकला। कुछ देर बाद जब पुलिसवालों का इस तरफ ध्यान गया तो सबके हाथ-पांव फूल गए। पुलिस वालों ने उसे पकड़ने के लिए काफी भागदौड़ की लेकिन पता नहीं चला। एहतियातन रेलवे स्टेशन, दोनों बस स्टेशन और विभिन्न टैक्सी स्टैंडों पर पुलिस तैनात की गई है।

दीपू ने पकड़वाया था

बाराबंकी के रहने वाले दीपू वर्मा का डेयरी का बड़ा कारोबार है। वे अपना कारोबार गोरखपुर तक फैला रखा है। सोमवार को वह दो कर्मचारियों के साथ पिकअप से गोरखपुर दूध की सप्लाई देने आए थे। काम खत्म होने के बाद सुबह आठ बजे के आस पास मोहद्दीपुर चौराहे पर किसी काम से रुक गए थे। इसी बीच एक ही बाइक पर सवार होकर आए दो बदमाश असलहे के बल पर उनके साथ लूट करने की कोशिश करने लगे। लेकिन डेयरी मालिक ने हिम्मत दिखाते हुए उनसे भीड़ गए। बाद में पिकअप में मौजूद अपने दो कर्मचारियों सोनू और अवधेश की मदद से उन्होंने एक बदमाश को असलहे के साथ पकड़ लिया लेकिन उसका दूसरा साथी भाग निकलने में कामयाब रहा।

लूट की कई वारदात

बदमाश के साथ पूछताछ में पता चला था कि वह अंबेडकरनगर जिले का रहने वाला है। वहां लूट की कई वारदात अंजाम दे चुका है। डेयरी मालिक के पास दो लाख रुपया होने की सूचना पर संतकबीनगर से ही उनकी गाड़ी का पीछा करते हुए अपने साथी के साथ गोरखपुर आया था। उसी दिन से कैंट थाने में उससे पूछताछ की जा रही थी। उसके दूसरे साथी को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम को लगाया गया था। दूसरे बदमाश को तो पुलिस अभी तक नहीं पकड़ पाई। इसी बीच पकड़ा गया शातिर बदमाश थाने से फरार हो गया।

इसलिए बड़ा है ये मामला

- कैंट थाना शहर के सबसे प्राइम लोकेशन पर है।

- सामने ही है डीआईजी बंगला, कचहरी, बस स्टैंड भी ज्यादा दूर नहीं।

- असलहे के साथ पकड़े गए शातिर बदमाश की कस्टडी को लेकर हीला-हवाली की गई।

- जब बदमाश फरार हो गया तो उसकी कस्टडी में लगे सिपाहियों ने क्या किया?

जीडी में क्यों नहीं दर्ज

- बदमाश की गिरफ्तारी सोमवार को ही हो गई थी। इसकी खबर भी प्रकाशित हुई थी। इसके बावजूद मामला जीडी में क्यों नहीं दर्ज किया गया?

- पुलिस कप्तान का कहना है कि अपराधी पुलिस अभिरक्षा में नहीं था। यहां सवाल उठता है कि अगर अपराधी पुलिस अभिरक्षा में नहीं था तो उसकी कस्टडी में जवान क्यों लगे थे?

- सिर्फ इतना ही नहीं, अगर अपराधी कस्टडी में नहीं था तो किस आधार पर सिपाही अरविंद कुमार को निलंबित किया गया।

कप्तान साहब ये कहते हैं

इस मामले में सबसे दिलचस्प बयान खुद पुलिस कप्तान का है। जिस दिन बदमाश पकड़ा गया था, उस दिन पुलिस कप्तान ने कहा था कि बदमाश से पूछताछ में कई बड़े मामलों का खुलासा हो सकता है। अब जबकि बदमाश फरार हो चुका है तो पुलिस कप्तान ने इसे पुलिस की लापरवाही बता दिया। अगर इतने बड़े बदमाश, जिसकी गिरफ्तारी से कई बड़े खुलासे हो सकते हैं, की कस्टडी का ये हाल तो बाकी का क्या होगा?

वर्जन

बदमाश सुबह नैचुरल कॉल के दौरान पुलिस को धक्का देकर फरार हो गया। पुलिस बदमाश की तलाश में लगी है। हालांकि मामला जीडी में दर्ज नहीं है।

-ब्रजेश कुमार शर्मा, इंस्पेक्टर कैंट