सुनने को तैयार नहीं था

हालांकि थानेदार बार-बार एसपी साहब की ओर ईशारा कर कहते रहे कि साहब से बात करो, पर वह आदमी सुनने को तैयार नहीं था। वह कहता रहा, 'साहब हम्मर दिक्कत त आप ही से दूर होगा। कृपा कीजिए'। यह कहानी नहीं, सच्चाई है। दरअसल, वह आदमी थानेदार को पहचानता था एसपी साहब को नहीं। उसकी उम्मीदें उस थानेदार पर टिकी थी। विश्वास था कि उसकी परेशानी दूर होगी।

सारे गलत धंधे मिनटों में बंद हो जाएं

इस बात पर एक सीनियर ऑफिसर भी मुहर लगाते हुए कहते हैं कि अगर थानेदार चाह ले, तो उसके इलाके के सारे गलत धंधे मिनटों में बंद हो जाएं। पर, आज सारे धंधे बखूबी चल रहे है। छोटे-छोटे नहीं, बड़े-बड़े धंधे भी। कुछ दिनों पहले ही पटना पुलिस ने नकली स्टाम्प पेपर के छापने का एक बड़ा खुलासा किया था। यह धंधा वर्षो से चल रहा था, पर इसकी भनक वर्षो बाद लगी यही नहीं, कई सालों से गैस सिलेंडर बनाने का धंधा बिना लाइसेंस के चल रहा था और थाने को इसकी खबर तक नहीं। पब्लिक की मानें, तो इन सबके पीछे एक ही खेल है थाना मैनेज करो, जो करना है करो।

दिखता तो सब है, पर बाद में

पिछले दिनों पत्रकार नगर थाना से शुरू हुआ मामला रामकृष्ण नगर तक पहुंचा। नकली स्टाम्प पहले पत्रकार नगर के अभय अपार्टमेंट में पकड़ा गया, जिसके बाद रामकृष्णा नगर में छापने की जानकारी पुलिस को मिली। वह भी रेड हुई, तो फिर मामला बहादुरपुर तक पहुंचा। ऐसे में कई थानों से इसका लिंक जुड़ गया, पर इसकी भनक थाने को नहीं थी। जबकि उस इलाके की हर चीजों की खबर थाना स्तर पर होनी चाहिए। यही नहीं, पत्रकार नगर थाना एरिया में ही कुछ दिनों पहले की बात करें, तो वहां काटी फैक्ट्री मोड़ समीप गैस सिलेंडर बनाने का भंडाफोड़ हुआ। फैक्ट्री ही सालों से चल रही थी। वहीं से सीनियर एसपी की स्पेशल टीम रामकृष्ण नगर भी कूच कर गई और वहां से भी एक बड़ी ऐसी ही फैक्ट्री का उद़भेदन हुआ। इन गलत कामों को चेक करने वाला कोई नहीं। दिखता तो सब है, मगर बाद में।

माहौल ऐसा बना कि डर गए

पार्लर और रेस्टोरेंट जाने से पटनाइट्स डरने लगे हैं। कारण यह कि कब रेड हो जाए और गलत लोगों की टोली में वे भी कहीं गलतफहमी में पकड़े न जाएं। जबतक मामला थाने तक है, कुछ नहीं होगा। अगर बड़े हुक्मरानों को भनक लगी, तो टंग जाएंगे। ऐसा ही हाल बना हुआ है शहर में। आलमगंज थाने के पास होटल में चल रहे देह व्यापार में तीन दर्जन लोगों को पकड़ा गया था। कुछ दिनों तक सीनियर ऑफिसर्स का हड़कंप होता है, पर फिर से यह धंधा शुरू हो जाता है। पटना मार्केट के तीन रेस्टोरेंट में पुलिस ने शुक्रवार को रेड की। इस रेस्टोरेंट में एक महीना पहले ही रेड हुई थी, बावजूद इसके वह आराम से चल रहा था। वहीं, कोतवाली और गांधी मैदान थाना एरिया के कई बिल्डिंग्स में सेक्स का कारोबार तब पकड़ा जाता है, जब सीनियर एसपी की स्पेशल टीम कार्रवाई करती है। और दर्जनों लोगों को इस धंधे में लिप्त भी पकड़ा जाता है।

जुआ और शराब तो आम है

कई थाना एरिया में पिछले कुछ महीने में जुआ और सट्टेबाजी का अड्डा पकड़ा गया। इन मामलों में पब्लिक ने ही पुलिस के सीनियर ऑफिसर्स को जानकारी दी थी, जिसके बाद रेड कर पकड़ा गया। यहां आराम से जुआ और शराब का बिजनेस चलता है। बाईपास थाना के पास तो चल रहे जुआ के अड्डे को खुद सीनियर एसपी मनु महाराज ने पकड़ा और थानेदार तो सस्पेंड भी किया। यही नहीं, थाने के बल पर ही शराब दुकानों के ऑफ होने के बाद भी पिलाने की छूट मिली होती है.

 
दुकान लगाकर बांटते हैं नौकरी

शहर के कई थाना एरिया में तो दलाल दुकान लगाकर नौकरी बांटते हैं। यहां तक कि होटलों में कमरे लेकर इंटरव्यू लिया जाता है, पर पुलिस को उस वक्त इसकी भनक भी नहीं लगती। जब कंप्लेने बड़े ऑफिसर के पास पहुंच जाता है, तब मामले के पीछे पुलिस लगती है और बड़े रकैट का खुलासा होता है.

 आज भी होती है आनाकानी

पुलिस हेडक्वार्टर से लेकर पटना पुलिस के सीनियर ऑफिसर तक पब्लिक के साथ अच्छा बिहेब करने का आदेश थाना स्तर पर पुलिसकर्मियों को देते रहते हैं, पर आज भी थाने का हाल नहीं सुधरा। अभी भी सीनियर एसपी के पास पटना के विभिन्न थानों से ऐसे मामले आते हैं, जिसमें शिकायत होती है थाने गया, पर केस नहीं लिया गया। सीनियर ऑफिसर फिर से फोन कर थाने जाने की आदेश देते हैं और पब्लिक जाती है मगर यह नहीं देखा जाता कि साहब से मिलकर लौटने के बाद उसे थाने में कितना सुनाया जाता है। कंप्लेन तो लिया जाता है, मगर काफी डांट-फटकार के बाद। साहब का आदेश है, तो मानना तो है। ऐसी हरकतों से तो कभी भी पटना पुलिस पीपुल्स फ्रेंडली नहीं बन सकती.
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