RANCHI: रांची जेल में बंद कई कुख्यात अपराधी जेल से बाहर निकलना नहीं चाह रहे हैं। वे जेल में ही रहना चाह रहे हैं। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद एक अपराधी ने बताया कि रांची पुलिस ने जो फरमान जारी किया है, उससे अच्छा है कि हम लोग जेल में ही रहें। हालात यह है कि अब वे लोग अपने एडवोकेट को अदालत में बेल पीटिशन दाखिल करने से भी मना करने लगे हैं।

क्यों है ऐसा

रांची पुलिस ने एक साल में 15 अपराधियों पर सीसीए लगाने की कार्रवाई की है। वहीं, 38 लोगों को जिला बदर करने का नोटिस भी दिया है। अब तक 14 लोगों को हाजिरी के लिए विभिन्न थानों में बुलाया जाता है। ये वैसे लोग हैं, जिन्होंने कभी जेल में सजा काटी थी या किसी न किसी मामले में जेल गए थे।

इन पर लगा है सीसीए (बॉक्स)

राजीव रंजन सिंह-लोहरदगा, तबरेज अंसारी-जगन्नाथपुर, संदीप प्रधान-सुखदेव नगर, राजीव रंजन मिश्रा- सुखदेव नगर, मिठू सिंह उर्फ मिठुआ- तुपुदाना, प्रकाश यादव-रातू रोड, महावीर गोप-धुर्वा, सुखमंगल भगत- लापुंग, अनूप ठाकुर- डोरंडा, सोनू इमरोज- हिंदपीढ़ी, संजय टाइगर-लापुंग, नरेश उर्फ बुतरू-जगन्नाथपुर।

क्या है सीसीए (व्हाट रूल्स शेज का लोगो

सीसीए, धारा 12(2) के तहत लगाया जाता है। एक अपराधी पर अधिक से अधिक तीन बार सीसीए लगाया जा सकता है।

क्या है जिला बदर (बॉक्स)

इसमें एक अपराधी को छह माह तक जिला से बाहर रहना होता है। अगर छह माह के अंदर वो जिले के अंदर दिखता है, तो डीसी उसके खिलाफ तत्काल वारंट जारी कर गिरफ्तार करने का आदेश दे सकते हैं।