RANCHI: पुलिस वर्दी में धौंस जमाते अपराधियों ने इन दिनों रांची की सड़कों पर उत्पाद मचा रखा है। पुलिस जैसी हेकड़ी दिखाने से आम लोग बड़ी आसानी से उनके झांसे में आ जाते हैं। पिछले दिनों लालपुर इलाके में पुलिस की वर्दी की धौंस जमाकर एक वृद्ध औरत से सोने की चेन और कंगन उतरवा लिए, फिर फरार हो गए। दरअसल, सड़कों पर आम लोग पुलिस की वर्दी में देखकर यह सोच ही नहीं पाते है कि वह कोई बदमाश भी हो सकता है। बातचीत के अंदाज और चाल-ढाल बिल्कुल पुलिसकर्मियों की तरह होती है। बस यहीं लोग धोखा खा जाते हैं और लूटपाट, ठगी जैसी घटनाओं के शिकार हो जाते हैं।

हर किसी को नहीं बनाते निशाना

पुलिस अनुसंधान में अबतक इस बात का पता चला है कि पुलिस की वर्दी में बदमाश हर किसी को निशाना नहीं बनाते। वह अपना शिकार पहले ही चुन लेते हैं। उन्हें पता होता है कि कौन उनके झांसे में आ सकता है। कई बार ऐसा होता है कि जो पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करते हैं वे वर्दी में भी नहीं होते हैं। जब पूछा जाता है कि खाकी वर्दी क्यों नहीं है तो आरोपी बड़ी सफाई से जवाब दे जाता है कि वह स्पेशल टास्क फोर्स में है।

अंजाम से पहले करते हैं रेकी

अपराधकर्मी अंजाम देने से पहले रेकी करते हैं। रेकी करने के दौरान यह देखा जाता है कि महिला कहां जाती है। ये अपराधकर्मी किसी महिला को सुनसान स्थान पर देखता है तो उसे अपना शिकार बना लेता है।

विजिलेंस इंस्पेक्टर बन ठगता था मोबाइल

खुद को विजिलेंस इंस्पेक्टर बता कर सुनीता कुमारी से मोबाइल ठगी करने के आरोपी जावेद अख्तर को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। वह बरियातू थाना क्षेत्र का रहनेवाला है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। जीआरपी थाना प्रभारी आमोद कुमार ने बताया कि सुनीता नामक एक महिला अपने रिश्तेदार संजय महली के साथ एक परिचित को रिसीव करने के लिए पहुंची थी। संजय महली ने अपनी बाइक नो पार्किंग जोन के बाहर खड़ी थी। उसी वक्त एक काला कोट पहने हुए एक व्यक्ति वहां आया और खुद को विजिलेंस इंस्पेक्टर बताकर उनलोगों से दो हजार रूपए मांगें। नहीं देने पर जुर्माने के तौर पर पांच हजार देने की बात कही। उसी वक्त सुनीता के मोबाइल पर कॉल आया तो उसने मोबाइल ले ली और वहां से चला गया। सुनीता ने इस बात की शिकायत जीआरपी थाने से की थी। जीआरपी प्रभारी आमोद कुमार ठग को पकड़ने की जुगत में भिड़ गए थे।

ऐसे बरतें सावधानी

-सोने के जेवरात पहनकर वृद्ध महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलें।

-सुबह के वक्त मंदिर जाते समय ग्रुप में जाएं

-सड़क पर कोई संदिग्ध दिखे तो किसी भी परिचित को बताएं।

-अंजान व्यक्ति आपके पास आकर पूछताछ करता है तो उससे बचें।

-पुलिसकर्मी बनकर या अधिकारी बनकर आए तो डरने की बजाय परिजनों को सूचना दें।