15 अगस्त की तैयारी

क्रिमिनल्स सोशल मीडिया पर सीधी बातचीत के बजाए कोड वड्र्स में बात करते हैं। रिपार्ट के बाद 15 अगस्त पर संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने करीब 300 आईडीज को सोशल मीडिया पर ट्रैक करना शुरू कर दिया है.  इन आईडीज पर क्या अपडेट हो रहा है, उन पर कौन-कौन कमेंट कर रहा है, मैसेज छोड़ रहा है, इस सब पर पुलिस 24 घंटे नजर रख रही है। मैसेज करने वालों के आईपी एड्रेस ट्रैक डाउन हो रहे हैं।

मेल कम्पोज करते हैं, भेजते नहीं

मोनू पहाड़ी समेत अन्य ईनामी क्रिमिनल्स इमरजेंसी पडऩे पर सोशल साइट्स के साथ ईमेल का भी यूज करते हैं। इसके लिए उन्होंने फेक आईडी बना रखी है। जिसका पासवर्ड उनके अलावा ईमेल भेजने वाले को भी मालूम होता है। वे मेल तो कम्पोज तो करते हैं, लेकिन उसको किसी आईडी पर भेजते नहीं हैं। दूसरी ओर से उसी एकाउन्ट को खोलकर ईमेल पढ़ लिया जाता है। इससे वे मैसेज भी ट्रांसफर कर देते हैं और पकड़ में भी नहीं आते है। इसके लिए वो कैफे नहीं जाते बल्कि घर पर बैठकर लैपटॉप से ही करते हैं। क्योंकि वो जानते हैं कि हर वक्त खुफिया और एलआईयू की नजर उन पर रहती है। शहर के मोस्ट वांटेड इतने शातिर हैं कि हर महीने आईडी और पासवर्ड बदल देते हैं। जिससे पुलिस उन तक न पहुंच पाए।

शहर आकर चला गया मोस्ट वाटेंड

ईद पर पुलिस और प्रशासन ने पब्लिक की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। अतिसंवदेनशील इलाकों में सीसी टीवी कैमरों से निगरानी

रखी गई। ताकि कोई गड़बड़ी होने पर अराजकतत्वों को चिंहित किया जा सके। लेकिन प्रशासन और पुलिस के सारे इंतजामों के बीच मोस्ट वांटेड मोनू पहाड़ी भी गलियों में दिखायी दिया। वह दो दिन शहर में रुककर रिश्तेदारों और दोस्तों से मिला और वापस चला गया। वह घर के पास में ही एक दोस्त के घर पर रुका था।

खुफिया को मिली जानकारी

एलआईयू और खुफिया ने भी इस बारे में पुलिस को जानकारी दी, लेकिन वे उसको पकडऩे की हिम्मत नहीं जुटा सके। तेजतर्रार ऑफिसर्स उसको पकडऩे के फिराक में लगे रहे, लेकिन मोनू उनके नेटवर्क को ध्वस्त कर आसानी से निकल गया। पुलिस ने उसको पकडऩे का एक और मौका गवां दिया। इसी तरह ईद के दौरान कई ईनामी बदमाश आए और निकल गए। लेकिन पुलिस कुछ मजबूरियों के चलते उनको हाथ नहीं लगा सकी।

जिससे न हो तनाव

शहर में फेस्टिवल को लेकर पुलिस ने अलर्ट जारी किया था। एलआईयू और खुफिया से भी मदद ली जा रही थी, ताकि कोई गड़बड़ी न हो। इसी बीच खुफिया और एलआईयू को जानकारी मिली कि मोनू पहाड़ी समेत कई बदमाश शहर आ सकते हैं। इस बारे में उन्होंने पुलिस को जानकारी दी, लेकिन फेस्टिवल में कोई तनाव न हो, इसलिए पुलिस ने उस पर हाथ नहीं डाला।

बदल दिया है अपना ‘अंदाज’

कानपुर के मोस्ट वांटेड ने पुलिस की नजरों से बचने के लिए रहन-सहन और पहनावे का स्टाइल बदल दिया है। वह पहले पैजामा कुर्ता पहनता था, लेकिन अब जीन्स टी-शर्ट समेत अन्य कपड़े पहनने लगा है। चेहरा छुपाने के लिए हर वक्त टोपी पहनता है। कनपुरिया लैंग्वेज में बहुत कम बात करता है। वह पूर्वांचल की बोली में बात करने की कोशिश करता है। शहर में रुकने के दौरान मोनू ने रिश्तेदारों और दोस्तों का हालचाल लिया लेकिन खुद के बारे में कुछ नहीं बताया कि वो कहां और किसके साथ रह रहा है, क्या कर रहा है।