Case 1
12 सितम्बर को बदमाशों ने रोहनिया के पंडितपुर में बीयर शॉप के सेल्समैन को गोली मार दी। क्रिटिकल पोजिशन में उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। लेकिन वह बच नहीं सका।
Case 2
12 सितम्बर की ही रात सब्जी अढ़तिया छोटे लाल पटेल को क्रिमिनल्स ने गोली मार दी। वारदात तब हुई, जब वह शिवपुर स्थित दनियालपुर पिसौर स्थित अपने घर के बाहर सोये हुए थे। उनकी स्पॉट डेथ हो गई।
Case 3
13 सितम्बर को एक फर्म के इम्प्लॉईज कैलाश नाथ शर्मा और सिद्धार्थ बनर्जी सिगरा पेट्रोल पम्प स्थित बैंक में रुपये जमा करने गए थे। बदमाशों ने उन्हें दिनदहाड़े गोली मारकर रुपये लूट लिये।
सीमा पार से आ रहे हथियार
-सिटी के क्रिमिनल्स के हाथों में पहुंचने वाले वेपंस बॉर्डर पार बिहार से आ रहे हैं।
-बिहार के आम्र्स स्मगलर्स बनारस को डंपिंग ग्र्राउंड की तरह यूज करते हैं।
-ईजी अवेलेबल ट्रांसपोर्ट सिस्टम उन्हें वेपन लाने में काफी हेल्प करता है।
-बिहार से बनारस आने वाली बसों, टे्रन्स व प्राइवेट व्हीकल्स का यूज इललीगल वेपंस को लाने में किया जाता है।
-इस धंधे में महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं।
-बॉर्डर पर लूज सिक्योरिटी स्मगलर्स के काम को आसान बना देती है।
-सिटी में घनी आबादी वाले एरिया पक्का महाल के साथ मदनपुरा, लल्लापुरा, बजरडीहा आदि में रहने वाले लोकल एजेंट्स के पास इस तरह के आम्र्स रखे जाते हैं।
-इललीगल वेपंस पूर्वांचल और यूपी के कई जिलों में भी पहुंचाए जाते हैं।
हर तरह के हैं आम्र्स
- अपराधियों के पास देसी तमंचों की भरमार है। यह डेढ़ से तीन हजार में मिल जाता है।
- बार-बार गोली भरने की प्रॉब्लम से बचने के लिए बदमाश अब इनका यूज कम करते हैं।
- .32 बोर, 9 एमएम पिस्टल महज दस से बीस हजार में मिल जा रही हैं।
- इन दिनों बनारस में होनेवाली वारदातों में सबसे अधिक ऐसे ही वेपंस के यूज हो रहे हैं।
- क्रिमिनल्स के जखीरे में कार्बाइन जैसे खतरनाक असलहे भी हैं। यह 50 से 75 हजार में बदमाशों के पहुंच जाते हैं।
- पुलिस क्रिमिनल्स के पास से कार्बाइन बरामद भी कर चुकी है।
- सेना से लेकर पुलिस तक में यूज किए जाने वाले एक 47 से लेकर इंसास जैसे वेपन भी क्रिमिनल्स के पास अवेलेबल हैं।