जैक के पास फंड नहीं, कॉलेजेज में इंटर की पढ़ाई विजिटिंग फैकल्टी के भरोसे

 ट्यूज्डे को झारखंड एकेडमिक काउंसिल का रिजल्ट डिक्लेयर होने के बाद अब सिटी के कॉलेजेज में इंटर में एडमिशन की बारी है। स्टूडेंट्स एक तरफ जहां एडमिशन लेने की तैयारी में हैं वहीं दूसरी ओर वे इस बात से परेशान भी हैं कि एडमिशन के बाद उन्हें पढ़ाएगा कौन। विजिटिंग फैकल्टी, इंटर के लिए अप्वॉइंट किए टीचर्स या यूनिवर्सिटी टीचर्स। वे इस बात से भी डरे हुए हैं कि कहीं हर बार की तरह उनके कोर्स अधूरे तो नहीं रह जाएंगे। कॉलेज का कहना है कि पर मंथ सिर्फ 4 हजार रुपए में इंटर को पढ़ाने के लिए टीचर्स नहीं मिलते। जैक के चेयरमैन ने उनकी इस परेशानी को समझा है और कॉलेज को इस मामले में प्रपोजल बनाकर जैक और स्टेट गवर्नमेंट को भेजने को कहा है।

मैं सिर्फ इतना कर सकता हूं कि
इंटरमीडिएट के स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए टीचर्स नहीं होने और काफी कम पैसे मिलने की वजह से नए टीचर्स के नहीं आने पर आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जैक चेयरमैन डॉ आनंद भूषण से बातचीत की। डॉ भूषण का कहना था कि इंटरमीडिएट यूनिवर्सिटी के कॉलेजेज में पढ़ाया जाता है और ऐसे में यह मामला यूनिवर्सिटी और स्टेट गवर्नमेंट के बीच का है। उन्होंने यह जरूर कहा कि कॉलेजेज में टीचर्स की कमी की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े इसके लिए वे कॉलेजेज को कुछ टीचर्स को कांट्रैक्ट पर या विजिटिंग फैकल्टी के रूप में लाने का परमिशन दे सकते हैं। कुछ कॉलेजेज ऐसा कर भी रहे हैं। टीचर्स को कम पैसे मिलने पर उन्होंने प्रपोजल आने पर पॉजिटीवली विचार करने की बात कही।

यूनिवर्सिटी के कॉलेजेज में इंटर की पढ़ाई हो रही है तो स्टूडेंट्स को पढ़ाने की जिम्मेवारी वहां के टीचर्स की है। टीचर्स कम होने पर अलग से टीचर्स लाने की बात थी। 4 हजार पर मंथ पर टीचर नहीं मिल रहे तो कॉलेज जैक और गवर्नमेंट को लिखे।
- डॉ आनंद भूषण
चेयरमैन झारखंड एकेडमिक काउंसिल

Report by : amit.choudhary@inext.co.in

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