- इन कॉलेज ने मान्यता के लिए फर्जी शिक्षकों का कराया था अप्रूवल

- वीसी ने सभी कॉलेजों के मान्यता की शतरें को किया समाप्त

- सभी निजी कॉलेजों को नोटिस जारी, कमियां दूर करने के निर्देश

LUCKNOW :

लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में चल रहे खेल पर बड़ी कार्रवाई की गई है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कुछ दिन पहले 89 कॉलेजों के विभिन्न कोर्सेस के लिए अप्रूव किए गए शिक्षकों की अर्हता को अयोग्य बताते हुए रद्द कर दिया है। ऐसे में अगले सेशन से इन कोर्सेस की मान्यता रद्द कर दी गई है।

खतरे में कॉलेज की संबद्धता

यूनिवर्सिटी के ऑर्डर के बाद इन सभी कॉलेजों में इन विषयों के शिक्षकों के पद खाली हो गए हैं। ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बुधवार को इन 89 निजी कॉलेजों सहित सभी कॉलेजों को नोटिस जारी कर खामियां दूर करने की हिदायत दी है। यूनिवर्सिटी ने साफ किया है कि कमियां दूर न होने की स्थिति में अगले सेशन से संबद्धता से भी हाथ धोना पड़ सकता है। उधर, बड़ी संख्या में शिक्षकों का अनुमोदन निरस्त होने से इन कॉलेजों की संबद्धता समाप्त होने का संकट गहरा गया है।

150 से ज्यादा शिक्षकों का अप्रूवल हुआ रद

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में 89 से ज्यादा निजी कॉलेजों के करीब डेढ़ सौ शिक्षकों का अनुमोदन निरस्त कर दिया गया है। उपकुलसचिव संबद्धता डॉ। भावना सिंह ने इस संबंध में पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि ऐसे सभी संबद्ध डिग्री कॉलेज जिनमें स्ववित्तपोषित योजना के तहत संचालित यूजी और पीजी कोर्सेस की पूर्व में दी गई संबद्धता 30 जून 2018 को समाप्त होने जा रही है। वह आगामी शैक्षिक सत्र 2018-19 में कोर्स चलाने के लिए सभी कमी को दूर कर लें। स्थलीय निरीक्षण कराकर आगामी 15 मई तक रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है। साफ किया है कि रिपोर्ट न मिलने की स्थिति में कोर्स चलाने नहीं दिया जाएगा। साफ किया है कि नई कोर्सेस के संचालन के लिए स्थलीय निरीक्षण कराना होगा। इसकी रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि भी 15 मई निर्धारित की गई है।

शह पर चल रहा पूरा खेल

दरअसल, किसी भी कोर्स को संचालित करने के लिए निर्धारित संख्या में शिक्षकों की तैनाती आवश्यक है अन्यथा संबद्धता समाप्त हो जाती है, लेकिन कई कॉलेज कोर्स की मान्यता के अनुमोदन के लिए यूनिवर्सिटी में आवेदन कर उसे भूल गए। वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन भी इस खेल में शामिल हो गया। पिछले कई सालों से अनुमोदन फंसे हुए थे। कॉलेज में शिक्षकों के न पढ़ाने के बावजूद भी वहां से अनुमोदन के लिए प्रस्ताव यूनिवर्सिटी में पड़े रहे।

पुराने सेशन पर नहीं पड़ेगा फर्क

उपकुलसचिव संबद्धता डॉ। भावना सिंह ने बताया कि इन सभी कॉलेजों में पुराने हो चुके एडमिशन पर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यहां पर व्यवस्थित ढंग से क्लासेस पूरी की जाएंगी। बल्कि नए सेशन में अब दोबारा से इन कॉलेजों को नए सिरे से इन कोर्सेस के एडमिशन की मान्यता के लिए आवेदन करना होगा। अगर कोई कॉलेज ऐसा नहीं करता है तो उसके यहां पर कोर्स का संचालन नहीं होने दिया जाएगा।

इन कॉलेजों के एप्रूवल हुए रद

स्वतंत्र ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज, सिटी एकेडमी डिग्री कॉलेज तिवारीगंज, सिटी कॉलेज ऑफ एजुकेशन, सिटी एकेडमी कॉलेज, वासुदेव ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज अमराई गांव, ज्ञानोदय डिग्री कॉलेज, करियर कॉन्वेंट ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज, नर्वदेश्वर विधि महाविद्यालय, जीएसआरएम पीजी कॉलेज, नारी शिक्षा निकेतन, श्री दुर्गा शिक्षा निकेतन महाविद्यालय बीकेटी, डॉ। राजेन्द्र प्रसाद मेमोरियल ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज, एक्जॉन ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज, ज्ञान कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट, सरदार भगत सिंह कॉलेज ऑफ हॉयर एजुकेशन, रजत डिग्री कॉलेज, रजत वुमेन्स कॉलेज, कृष्णा इंस्टीट्यूट, केवलपत्ती रामआसरे महाविद्यालय, मदन मोहन मालवीय डिग्री कॉलेज, सुरजन देवी अनुसुइया देवी डिग्री कॉलेज, ज्यूरिश विधि महाविद्यालय, लाला महादेव प्रसाद वर्मा बालिका महाविद्यालय, आदर्श सत्येन्द्र महाविद्यालय, केसीएम महिला डिग्री कॉलेज, हीरालाल यादव लॉ कॉलेज, इरम डिग्री कॉलेज, फ्लोरेंस नाइटिंगल पब्लिक ग‌र्ल्स कॉलेज समेत अन्य शामिल हैं।