- डकैती की वारदात में अंदर घुसे छह बदमाशों में से सिर्फ एक ने पहन रखा था नकाब, जबकि पांच थे बिना नकाब के

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चौक में हुई भीषण डकैती की वारदात संजय अग्रवाल के किसी पुराने कर्मचारी या किसी करीबी ने बदमाशों संग मिलकर अंजाम दी है। ऐसा हम नहीं बल्कि मौके से मिले कुछ ऐसे सबूत बया कर रहे हैं जिसके बाद ये साफ हो जाता है। दरअसल अब तक की जांच में ये पता चला है कि डकैती के वक्त फर्म में जितने बदमाश घुसे थे उनमे से सिर्फ एक ने ही चेहरा बांध रखा था। जिससे ये साफ हो रहा है कि चेहरा बांधने वाला बदमाश अपनी पहचान छिपाने और संजय या फिर दूसरे स्टॉफ से अपनी पहचान छुपाने के लिए ऐसा किया हो।

पिछले स्टॉफ की हो रही पड़ताल

पुलिस के मुताबिक छह में से पांच बदमाशों के चेहरा खुले होने के चलते पांचों के स्केच तो तैयार हो रहे हैं लेकिन एक का चेहरा कवर होने के कारण उसे लेकर अब तक जांच टीमें परेशान हैं। जिसके बाद मामला फर्म के ही किसी अपने पर आकर टिक गया है। आशंका है कि पिछले किसी स्टॉफ के निकाले जाने के बाद उसने नाराज होकर वारदात को अंजाम देने में बदमाशों की मदद की हो क्योंकि चेहरा बांधकर अंदर आना ये साफ करता है कि ये बदमाश अंदर सिर्फ चीजों की जानकारी देने आया था। फिलहाल पुलिस कारोबारी संजय अग्रवाल से उनके पिछले कर्मचारियों के रिकार्ड भी मांगे हैं। इनकी जांच के लिए अलग से एक टीम लगी है।