क्रॉकस फूल से उपचार की बात सदियों से कही जाती है और प्राचीन मिस्र के कई मेडिकल रिकॉर्ड्स में भी इसका ज़िक्र है। अब ब्रिटेन के एक शोध दल ने इस फूल का स्रोत के रूप में इस्तेमाल करके एक दवा बनाई है। ये दवा कैंसर वाले ट्यूमर से निकलने वाले एक रसायन से ही सक्रिय होती है।

असर

एक लैब में चूहों पर हुए प्रयोग के दौरान आधे से ज़्यादा चूहों पर दवा की एक ही ख़ुराक का प्रभावशाली असर पड़ा। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये कोई चमत्कारिक दवा नहीं है और वे इसका परीक्षण दो साल के अंदर शुरू करेंगे।

ब्रैडफ़र्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्होंने क्रॉकस फूल के ज़हरीलेपन को इस रूप में विकसित किया है, जिससे वे कैंसर की कोशिकाओं का ख़ात्मा कर सकें।

ब्रैडफ़र्ड में कैंसर चिकित्साशास्त्र संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर लॉरेंस पैटरसन का ये कहना है कि ये नई दवा स्वस्थ कोशिकाओं को नुक़सान नहीं पहुँचाती।

International News inextlive from World News Desk