6 माह बाद भी नही चालू हो सके एस्क्लेटर और लिफ्ट

258 लाख खर्च के बाद भी नही मिल रहा यात्रियों को लाभ

Meerut। सिटी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए तकरीबन दो साल पहले लिफ्ट और एस्क्लेटर लगाया गया था, लेकिन यह सिर्फ दिखावा बनकर रह गया है। हालत यह है कि बुजुर्ग, दिव्यांग और महिला यात्रियों को सीढि़यों का सहारा लेना पड़ता है। हां ये जरूर है जब कोई वीआईपी स्टेशन आता है तो ये संचालित होते दिखाई देते हैं।

258 लाख की योजना पर धूल

वर्ष 2016 में करीब 258 लाख रुपए की लागत से स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक व दो पर लिफ्ट और एस्कलेरेटर बनाए गए थे। रेल अधिकारियों की मानें तो लिफ्ट और एक्सलेरेटर चलाने के लिए जरुरी पॉवर सप्लाई और आपरेटर कर्मी की फिलहाल कमी है।

लिफ्ट और एक्सलेरेटर के लिए ऑपरेटर की मांग की गई है यात्री गलत तरीके से प्रयोग करते हैं जिससे तकनीकि खामियां आ रही थी इसलिए फिलहाल चालू नही किया जा रहा है।

आरपी शर्मा, स्टेशन अधीक्षक

यात्रियों के लिए रेलवे सिर्फ योजनाएं बनाती हैं, लेकिन उनका लाभ केवल नेता मंत्री तक ही सीमित रहता है। ये लिफ्ट रेलवे के अधिकारियों के आते ही चल जाती है।

मयंक

एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक जाने में ही काफी समय लग जाता है। लिफ्ट चलाना भी सभी यात्रियों को नही आता ऐसे में इसका फायदा कैसे मिलेगा।

किरण

छह माह से ये लिफ्ट और एस्क्लेटर देख रहे हैं, लेकिन कभी चलता हुआ नही देखा। पता नही कब चालू होगा।

संगीता

रेलवे मेरठ के यात्रियों को सुविधा देना नही चाहता इसलिए बनाने के बाद भी ये दोनो बंद किए हुए हैं।

सुमित