- सावन के पहले सोमवार को उमड़ा श्रद्धालुओं का केसरिया रेला

-शाम तक डेढ़ लाख से अधिक शिवभक्तों ने बाबा दरबार में लगाई हाजिरी

-आधा दर्जन डाकबमों ने भी नवाया शीश

VARANASI:

शिव की नगरी काशी सावन के पहले सोमवार को बोल बम के उद्घोष से गूंज उठी। बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक को देश के विभिन्न इलाकों से आये आस्थावानों का काशी में जुटान हुआ। आस्था की लुटिया में गंगा जल और तन पर श्रद्धा का केसरिया रंग सजाये कांवरियों का रेला बाबा दरबार में हाजिरी लगाने के लिए रविवार की रात से उमड़ता रहा। आसमान से टपक रही बूंदों ने मौसम को खुशनुमा बनाया जिससे श्रद्धालुओं का उत्साह कई गुना बढ़ गया। सिटी कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार पहले सोमवार को शाम सात बजे तक डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई थी। दर्शन का क्रम देर रात तक चलता रहा। काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा मारकण्डेय महादेव, बीएचयू विश्वनाथ मंदिर और शहर के दूसरे शिवालयों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह मंगला आरती में जिले के आला अधिकारी शाि1मल हुए।

रात में लगी लाइन

सावन के पहले सोमवार को सबसे पहले बाबा के जलाभिषेक की कामना में कांवरियों का रेला रविवार की रात में जुटने लगा था। रात गहराने के साथ श्रद्धालुओं की कतार काफी लम्बी हो गयी। भोर में मंदिर श्रद्धालुओं ने बाबा का जलाभिषेक कर अपना संकल्प पूरा किया। आस्थावानों की भीड़ इतनी अधिक थी कि दिन चढ़ने तक कतार छोटी नहीं हुई। भोर में फ्.ब्भ् बजे मंगला आरती के बाद मंदिर के पट आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिये गये। हर बार की तरह इस बार भी छत्ताद्वार से ही एंट्री दी जा रही थी। दर्शन करने वालों में सामान्य कावंरियों के साथ आधा दर्जन डाकबम भी शामिल थे। उन्होंने इलाहाबाद से यात्रा शुरू कि और बिना रुके बाबा दरबार में जलाभिषेक कर अपना संकल्प पूरा किया। वीआईपी दर्शनार्थियों के लिए पांच से सात बजे तक समय निर्धारित किया गया था।

जलाभिषेक कर निभायी परंपरा

पहले सोमवार को हजारों की संख्या में यादव बंधुओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक कर परंपरा का निर्वाह किया। चंद्रवंशी गोप सेवा समिति और श्री कृष्ण यादव महासभा के बैनर तले हजारों की संख्या में यादव बंधु केदारघाट पर एकत्र हुए। गंगा स्नान के बाद उन्होंने अपने-अपने पात्रों में जल भरा और केदारेश्वर, महामृत्युंजय, ओंकारेश्वर आदि शिवालयों में जलाभिषेक कर अपने यात्रा की शुरुआत की। यात्रा विभिन्न रास्तों से होती हुई दशाश्वमेध घाट पहुंची। फिर वहां से सभी यादव बंधुओं ने फिर से पात्रों को भरा और श्री काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। डेढ़सीपुल के पास पुलिस और यादव बंधुओं में हल्की नोकझोंक भी हुई। जलाभिषेक के दौरान आम दर्शनार्थियो का मंदिर में प्रवेश रोक दिया गया था।

सामाजिक संगठनों ने कमाया पुण्य

दूर-दूर से आ रहे शिवभक्तों की सेवा के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों ने खासा इंतजाम कर रखा था। लक्सा स्थित श्री काशी विश्वनाथ सेवा संघ समिति के कार्यकर्ता कांवरियों की सेवा में पूरे समर्पित भाव से लगे रहे। चितरंजन पार्क स्थित कांवरिया शिविर में भी कार्यकर्ताओं में शिवभक्तों की सेवा कर पुण्य कमाने की होड़ दिखी। बांसफाटक, चौक आदि इलाकों में भी विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग शिविर लगाकर शिवभक्तों की सेवा में जुटे हुए थे। सामाजिक संगठनों की ओर से शिवभक्तों के लिए दवा, खाने पीने की चीजों आदि का वितरण किया जा रहा था।