- पहले पेपर में चेहरे खिले तो दूसरे में मुरझाए

- हजारों कैंडिडेट्स को पेपर ने बड़ा झटका दिया

- हिंदी मीडियम छात्र ने भी अंग्रेजी लेंग्वेज ऑप्ट की

DEHRADUN: संडे को हुए सीसैट एग्जाम ने हजारों कैंडिडेट्स को बड़ा झटका दिया। यह झटका पिछले दिनों विवादों में घिरी अंग्रेजी ने नहीं बल्कि हिंदी ने दिया। एग्जाम में हिंदी के सवालों में जो भाषा प्रयोग की गई वह कैंडिडेट्स की समझ के परे रही। आलम यह रहा कि हिंदी मीडियम कैंडिडेट्स ने भी अंग्रेजी पोर्शन से क्वेश्चंस अटेंप्ट किए।

पिछले दिनों सीसैट में अंग्रेजी को लेकर जमकर विवाद हुआ। स्टूडेंट्स ने सिविल सर्विसेज एप्टि्यूड टेस्ट पैटर्न में अंग्रेजी के सवालों को लेकर आंदोलन भी किया, लेकिन संडे को हुए सिविल सिर्विसेज एग्जाम का सीसैट पेपर जब कैंडिडेट्स के सामने आया तो कैंडिडेट्स की मनोदशा ही बदल गई। एग्जाम में अंग्रेजी से भारी हिंदी पड़ गई। दरअसल, एग्जाम में पेपर हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में आया, लेकिन एग्जाम में दिए गए सवालों के हिंदी अनुवाद इतने कठिन थे कि पेपर देख स्टूडेंट्स के सर चकरा गए।

फ‌र्स्ट पेपर ने किया खुश

संडे को फ‌र्स्ट एग्जाम जनरल स्ट्डीज का था। एग्जाम देकर निकले स्टूडेंट्स क्वेश्चन पेपर को लेकर खासे उत्साहित दिखे। रुड़की से एग्जाम देने आए अमित कुमार ने बताया कि पहला पेपर काफी ईजी था। ख्00 नंबर के क्00 सवालों में ईजीली 80 क्वेश्चंस अटेंप्ट किए। वन थर्ड मा‌र्क्स की नेगेटिव मार्किंग होने के कारण जिन सवालों के जवाब पता थे वहीं अटेंप्ट किए।

फ्8भ् मा‌र्क्स के लिए हुआ एग्जाम

यूपीएससी द्वारा सिविल सर्विसेज एग्जाम इस बार फ्8भ् मा‌र्क्स के लिए हुआ। अभी तक यह एग्जाम ब्00 मा‌र्क्स के लिए होता था, लेकिन सीसैट में अग्रेजी को लेकर हुए विवाद के बाद कैंडिडेट्स को अंग्रेजी के सवालों को अटेंप्ट न करने का फैसला लिया गया था। जिसके तहत एग्जाम में शामिल हुए अंग्रेजी के म् सवालों के क्भ् मा‌र्क्स को घटाकर बाकी फ्8भ् मा‌र्क्स के आधार पर कॉपी चेक की जाएगी।

एक्सप‌र्ट्स भी चकराए

फ‌र्स्ट पेपर के बाद ढाई बजे सीसैट एग्जाम स्टार्ट हुआ। पहले पेपर के बाद खिले चेहरे सेकेंड पेपर देखते ही मुरझा गए। पेपर में पूछे गए सवालों में हिंदी में दिए गए सवालों की भाषा इतनी टफ थी कि स्टूडेंट्स बगले झांकने लगे। आलम यह था कि हिंदी में एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स ने भी अंग्रेजी पोर्शन पढ़कर क्वेश्चंस अटेंप्ट किए। एक्सप‌र्ट्स की माने तो सीसैट का एग्जाम पिछले सालों की तुलना में भी काफी टफ था। एग्जाम पेपर में हिंदी में दिए गए सवालों में भावार्थ और आम बोल चाल वाली भाषा की कमी थी। इसी वजह से स्टूडेंट्स को एग्जाम में झटका लगा।

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पेपर पिछले सालों की तुलना में ज्यादा टफ था। ज्यादातर सवाल एनवायरमेंट और साइंस सब्जेक्ट्स से थे। पेपर को देखकर लगता है कि हिंदी को गूगल की हेल्प से ट्रांसलेट किया गया है। भाषा में न तो साहित्यक हिंदी थी और न ही आम बोल चाल की भाषा प्रयोग की गई। भाषा की समस्या स्टूडेंट्स के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।

--- आरए खान, डायरेक्टर, प्रयाग आईएएस एकेडमी

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फ‌र्स्ट पेपर तो ईजी था लेकिन सेकेंड पेपर में थोड़ा प्रॉब्लम हुई। हिंदी में दिए गए सवाल समझ ही नहीं आ रहे थे। लैग्वेज में प्रॉब्लम आने से कई सवाल इंग्लिश पोर्शन से सॉल्व किए।

--- कुलदीप कुमार, कैंडिडेट