- डाकघरों में सीएसआई प्रोजेक्ट में सर्वर की धीमी स्पीड बनी बाधा, पब्लिक की बढ़ी परेशानी

- डाक वितरण, स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री व बचत योजनाओं में लग रहा ज्यादा समय

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VARANASI

डाकघरों में कोर सिस्टम इंटीग्रेशन (सीएसआई) प्रोजेक्ट शुरू किया गया ताकि यहां होने वाले कामों में कम समय लगे, लेकिन बेस इंटरनेट सेवा होने की वजह से सर्वर की धीमी स्पीड और कनेक्टिविटी इसमें बाधा बन रही है। पांच मिनट में होने वाले काम में 15 से 20 मिनट तक का समय लग रहा है। ऐसी स्थिति वाईफाई कनेक्शन न होने से सामने आ रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत डाक वितरण, स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री, पार्सल और बचत योजनाओं से जुड़े कार्यो में आ रही है। ऐसे में इम्प्लाई तो परेशान हैं ही, पब्लिक की दिक्कतें कम होने की बजाय बढ़ गई हैं।

एक आईडी-पासवर्ड से सभी काम

डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट के तहत डाकघरों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। आईटी मैनेजमेंट सिस्टम के तहत करीब पखवारे भर पहले पूर्वी मंडल के बनारस और चंदौली के सभी डाकघरों में नया सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया गया। इससे सभी सिस्टम एक ही आईडी व पासवर्ड लॉग इन पर आ गए। सभी छोटे व बड़े डाकघर ऑनलाइन सिस्टम से जुड़ गए। वाराणसी (पश्चिमी मंडल) के डाकघरों में पहले ही यह व्यवस्था लागू की जा चुकी है।

दावा फेल, कर्मचारी रहे झेल

सीएसआई प्रोजेक्ट संचालन की जिम्मेदारी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को दी गई है। जबकि बेस कनेक्शन बीएसएनएल इंटरनेट सर्विस से ोड़ा गया है। सिस्टम शुरू होने पर विभागीय अफसरों ने दावा किया कि इससे कर्मचारियों और पब्लिक को सहूलियत होगी। उनका समय बचेगा और कार्यो में पारदर्शिता बढ़ेगी। विभागीय कर्मियों का कहना है कि जब से सेवा शुरू हुई है। उस दिन से ही नया सॉफ्टवेयर सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। इससे काम में ज्यादा समय लग रहा है। सर्वर धीमा होने से कम्प्यूटर के रिकार्ड में डाक समय से नहीं फीड हो पा रही है। जिससे डाक वितरण में देर हो जाती है। अन्य कायोर् का भी यही हाल है।

एक नजर

- 290 पूर्वी मंडल के डाकघरों में सीएसआई प्रोजेक्ट लागू

- 2 डिस्ट्रिक्ट्स में शुरू हुआ आईटी मैनेजमेंट सिस्टम

- 6 साल तक डाक विभाग व टीसीएस में संचालन का करार

सर्वर की धीमी स्पीड और लो कनेक्टिविटी से काम में दिक्कत आ रही है। अभी कई डाकघरों में डेटा फीडिंग का भी काम चल रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि सिस्टम जल्दी पटरी पर आ जाए।

गौरव कुमार, प्रवर डाक अधीक्षक