-सेशन 2018-19 के लिए यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जारी ब्रोशर में कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन

- यूजी लेवल पर इनरोल्ड करने की जिम्मेदारी प्रिंसिपल को सौंपी, आरक्ष पॉलिसी भी क्लियर नहीं

KANPUR: सीएसजेएम यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन कॉलेजों और टीचर्स पर बेहतर परफॉर्मेस का दबाव बनाता है लेकिन अपनी कार्यशैली पर गौर नही करता। अफसर अपनी लापरवाही से पूरी दुनिया में यूनिवर्सिटी की साख पर बट्टा लगा रहे हैं। यूनिवर्सिटी ने 2018 का जो ब्रोशर वेबसाइट पर जारी किया है उसमें खामियों की भरमार है लेकिन यूनिवर्सिटी के अधिकारी इन गलतियों से बेखबर हैं।

प्रिंसिपल को भी नहीं है जानकारी

ब्रोशर के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ने कॉलेज प्रिंसिपल को यूजी में इनरोल्ड करने की जिम्मेदारी सौंप दी है। जबकि इनरोलमेंट नंबर अलॉट करना यूनिवर्सिटी का दायित्व है। यही नहीं ब्रोशर में साफ डायरेक्शन दिए हैं कि यूजी में कॉलेज लेवल पर और पोस्ट ग्रेजुएट क्लास का इनरोलमेंट यूनिवर्सिटी लेवल पर किया जाएगा। हकीकत यह है कि ज्यादातर कॉलेजों के प्रिंसिपल को भी नये डायरेक्शन की जानकारी नही है। इसके अलावा एडमिशन प्रॉसेस में रिजर्वेशन पॉलिसी स्पष्ट नहीं है। ब्रोशर में कहीं पर एससी व एसटी को 5 परसेंट छूट का जिक्र है तो कहीं इस मुद्दे पर गोलमोल डायरेक्शन दिए गए हैं।

कैरेक्टर सर्टिफिकेट देना होगा

एमएससी में एडमिशन की जो प्रक्रिया दी गई है उसमें साफ लिखा है कि कॉलेज प्रिंसिपल सिर्फ दो से चार सीटों पर ही एडमिशन कर सकेंगे। कैंडिडेट को एक अप्लीकेशन कॉलेज में और एक अप्लीकेशन यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार को देनी होगी। यह डायरेक्शन एडमिशन ब्रोशर के पेज नंबर 22 के प्वाइंट 6 में दिया गया है। अगर यूनिवर्सिटी के किसी कॉलेज में प्राइवेट पढ़ने वाला छात्र एडमिशन लेगा तो उसका कैरेक्टर सार्टिफिकेट कॉलेज प्रिंसिपल को देना होगा। जबकि अब तक प्राइवेट छात्र एडमिशन के लिए किसी गजटेड ऑफिसर से अटेस्ट कैरेक्टर सर्टिफिकेट लगाता था।

-----------------

वर्जन

सीएसजेएमयू के एडमिशन ब्रोशर में जबरदस्त गलतियां हैं। इस मुद्दे पर वीसी से मिला तो उन्होंने प्रो वीसी व रजिस्ट्रार से बात करने को कहा। जब इन ऑफिसर से बात की तो उन्होंने डिप्टी रजिस्ट्रार पर डाल दिया। यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर पड़ा ब्रोशर पूरी दुनिया के छात्र व फैकल्टी देख रही है। हमारी क्या साख है इसकी किसी को फिक्र नही है। यूनिवर्सिटी अपना काम कॉलेज से करवाने का हुक्म दे रही है। इनरोलमेंट प्रक्रिया यूनिवर्सिटी का अधिकार है।

डॉ। बीडी पांडेय, सीनियर वाइस प्रेसीडेट कूटा

वर्जन

सीएसजेएमयू ने 2018 के लिए एडमिशन ब्रोशर में जो डायरेक्शन हैं वह साफ नहीं हैं। रिजर्वेशन पॉलिसी क्लियर नही है। एमएससी का एडमिशन प्रॉसेस गड़बड़ है। ऐसा लगता है कि जबरदस्ती और जल्दबाजी में इसे किसी से बनवाया गया है। कैरेक्टर सार्टिफिकेट का मुद्दा भी सीरियस इश्यू है। ब्रोशर को यूनिवर्सिटी के किसी अधिकारी ने लगता है पढ़ा ही नही है। इसमें क्या लिखा गया है, इसकी किसी को फिक्र नही है।

डॉ अमित श्रीवास्तव, प्रिंसिपल डीएवी कॉलेज