-सीबीआई जांच को लेकर साल भर से बंद है निर्माण कार्य

-चेरी मनातू में 319 एकड़ प्लॉट में बन रहा सीयूजे का नया कैंपस

-125 करोड़ खर्च होने के बाद काम हो गया है बंद

RANCHI: सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के नए कैंपस का निर्माण कार्य चेरी मनातू में लगभग 90 फीसदी पूरा हो चुका है। लेकिन, पिछले साल शुरू हुई सीबीआई जांच के कारण इसका बाकी काम ठप पड़ा हुआ है। फैसले में हो रही देरी के कारण यूनिवर्सिटी की शिफ्टिंग में भी परेशानी हो रही है। मामले से वीसी डॉ। नंद कुमार इंदु ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को भी अवगत करा दिया है। इस कैंपस को बनाने का काम फरवरी 2013 में ही शुरू किया गया था।

125 करोड़ हो चुके हैं खर्च

319 एकड़ जमीन में बन रहे सीयूजे के इस नए कैंपस के निर्माण में अब तक 125 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। यहां स्टूडेंट्स को तमाम सुविधाएं मिलनी हैं। लेकिन साल भर से निर्माण काम बंद होने के कारण स्टूडेंट्स को नए कैंपस से वंचित होना पड़ रहा है। वहीं यहां तक पहुंचने का रास्ता भी अभी तक नहीं बन पाया है।

क्या-क्या होगा इस नए कैंपस में

साउंड प्रूफ एकेडमिक बिल्डिंग

सीयूजे के इस नए कैंपस में एकेडमिक बिल्डिंग जी थ्री प्लस बनाई जा रही है, जो पूरी तरह साउंड प्रूफ होगी। बिल्डिंग की बाहरी दीवारों को पूरी तरह स्टोन से बनाया जा रहा है। उसके बीच में पिलर और अंदर की दीवार ईट की हैं। इसे बाहर से खास डिजाइन स्टोन से दिया जा रहा है। इसमें कुल 32 लेक्चर थिएटर और 47 लैब हैं। इसके अलावा एक कांफ्रेस हॉल व 80 फैकल्टी के लिए रूम भी बनाए जा रहे हैं।

क्लास के लिए स्कूल स्टाइल बिल्डिंग

सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्कूल स्टाइल बिल्डिंग में पीजी की क्लास चलेगी। इसमें टोटल 100 कमरे होंगे। इसमें क्लासरूम और लैब भी शामिल हैं। वहीं जी थ्री इस बिल्डिंग में खासतौर पर डिजेबल स्टूडेंट के लिए सभी फ्लोर पर चढ़ने के लिए रैंप बनाए गए हैं।

चार फ्लोर का है पीजी हॉस्टल

इस नए कैंपस में चार फ्लोर का पीजी हॉस्टल है। जहां ब्वॉयज और ग‌र्ल्स के लिए अलग-अलग ब्लॉक हैं। वहीं एक स्टूडेंट के लिए एक कमरा है। इसके अलावा एक बेड, एक टेबल और एक वार्डरोब भी मिलेगा। ब्लॉक में कॉमन रूम, किचन, डाइनिंग हॉल और विजिटर्स रूम भी हैं। वहीं फिजिकली चैलेंजड स्टूडेंट्स के लिए नीचे के फ्लोर में रूम हैं। हर फ्लोर में 52 कमरें हैं।

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नए कैंपस के दुर्गम रास्ते, बिजली भी नहीं पहुंची

सेंट्रल यूनिवर्सिटी के नए कैंपस पहुंचने के लिए कांके चौक से आगे जाने पर एक कच्ची सड़क मिलती है, जो आपको रिंग रोड तक पहुंचाती है। लेकिन ये रिंग रोड भी अधूरा है। इस कारण चेरी तक पहुंचने में ही हालत खराब हो जाती है। जहां ये बिल्डिंग बनाई जा रही है वहां तक जाने के लिए कुछ दूर तक पक्की सड़क है। इसके बाद पहाड़ के किनारे-किनारे ही आपको जाना पड़ सकता है। टेंपरोरी सड़क से ही इस कैंपस तक पहुंचा जा सकता है। वहीं सड़क और बिजली की व्यवस्था के लिए सरकार को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पिछले ही साल लेटर लिखा था, लेकिन एक साल बाद भी वहां तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं बन सकी है। वहीं अगर कैंपस में स्टूडेंट आ भी जाते हैं, तो उन्हें वहां पहुंचने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।