- मंडे रात में हुआ था मौहम्मदपुर में बवाल

- दो पक्षों में तकरार ने ले लिया था झगड़े का रूप

- पुलिस ने नहीं कराया समझौता, सूत्रों के अनुसार पैसे की रखी मांग

AGRA। दो पक्षों में जरा सी कहासुनी। तकरार बढ़ी। झगड़ा बढ़ता चला गया। छोटी बात ने बड़ा रूप ले लिया। दोनों तरफ से मारपीट। कुछ लोगों ने एक-दूसरे की तरफ ईंट-पत्थर भी फेंके। खबर पुलिस तक जा पहुंची। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों तरफ के लोगों में से चार लोगों को अरेस्ट कर लिया। दोनों पक्ष के लोगों ने आपस में समझौता कर लिया लेकिन, पुलिस ने इस समझौते को स्वीकार नहीं किया।

मोहम्मदपुर की है घटना

मामला मंडे रात का है। सिकंदरा थाना एरिया के मोहम्मदपुर में दो पक्षों में झगड़ा हो गया था। रात तकरीबन 9 बजे से हुए विवाद ने झगड़े का बड़ा रूप ले लिया था। दोनों तरफ से गाली-गलौज हुई। कहासुनी बढ़ी तो बात मारपीट और पत्थरबाजी तक जा पहुंची। इसी दौरान किसी पक्ष की ओर से इस घटना की जानकारी पुलिस को दे दी।

एक घंटे लेट पहुंची पुलिस

सूत्र बताते हैं कि घटना की जानकारी पुलिस को 9 बजे ही लग गयी थी। लेकिन, सूचना के तकरीबन एक घंटे के भीतर भी पुलिय मौके पर नहीं पहुंच पाई थी। घंटे भर देर से पहुंची पुलिस ने संतोष कुमार पुत्र रामकुमार, दीवान सिंह पुत्र प्रेम चंद, जयशिव और गजेंद्र पुत्रगण राम किशन को अरेस्ट कर लिया।

दोनों पक्षों ने कर लिया था समझौता

घटना के बाद दोनों पक्ष के कुछ समझदार लोग थाने पहुंचे थे। विवाद करने वालों में समझौते की जानकारी दी। लिखित समझौते की कॉपी भी थाने में उपलब्ध कराई। लेकिन, पुलिस ने एक नहीं सुनी। दोनों पक्षों के लोगों को हर हाल जेल भेजने का ऐलान कर दिया। यही वजह थी कि पुलिस ने चारों आरोपियों को आईपीसी के सेक्शन क्ब्7, क्ब्8, फ्ख्फ्, भ्0ब्, फ्फ्म् और 7 क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट के अंतर्गत एसीजेएम फ‌र्स्ट कोर्ट में पेश किया। जहां से चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।

क्या सच में पैसा चाहती थी पुलिस

सूत्रों का कहना कि इस मामले में पुलिस पैसा चाहती थी। यही वजह थी कि आरोपियों को अरेस्ट करने के घंटों बाद तक पुलिस किसी बिचौलिए का इंतजार करती रही। थाने पर जो लोग पहुंचे, उनसे अप्रत्यक्ष रूप से इशारा भी किया गया। कहा गया कि पहले झगड़ा करोगे, उसके बाद फ्री-फंड में छूट भी जाओगे। ऐसा कहीं होता है क्या भला?

करते रहे फरियाद

इस मामले में ट्यूजडे रात से ही दोनों पक्ष के लिए आला अधिकारियों से संपर्क करते रहे। कुछ लोग नेताओं के भी संपर्क में रहे। कोशिश की गयी कि किसी तरह से बिना पैसे के ही राजीनामे को पुलिस मान ले और अरेस्ट हुए लोगों को छोड़ दे। ट्यूजडे सुबह लोग एसएसपी से मिलने गए।

वर्जन

इस मामले में दोनों पक्ष समझौता कर चुके थे। समझौता लेकर पुलिस के पास भी पहुंचे। लेकिन, पुलिस ने समझौता स्वीकार न कर खुद ही रिपोर्ट दर्ज कर ली।

सूरजभान, एडवोकेट (फोटो)

ये दोनों पक्ष पहले भी झगड़ा कर चुके हैं। दूसरी बार बवाल कर दिया। पहले भी ये आपस में समझौता कर चुके थे। लेकिन, बाद में नहीं माने। इसीलिए इनके अंगेस्ट इस बार रिपोर्ट दर्ज कर एक्शन लिया गया।

शलभ माथुर, एसएसपी (फोटो)