- भाई की मंगलकामना के लिए बहनों ने उतारा ढेडि़या

- शहर के सिद्धपीठ में हुआ ढेडि़या का भव्य श्रृंगार

<- भाई की मंगलकामना के लिए बहनों ने उतारा ढेडि़या

- शहर के सिद्धपीठ में हुआ ढेडि़या का भव्य श्रृंगार

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: भाई-बहनों के पवित्र व अटूट बंधन का पर्व ढेडि़या सोमवार को पारम्परिक ढंग से मनाया गया। सुबह से ही बहनें पर्व की तैयारी में जुटी रहीं। शाम के समय बहनों ने पूरे विधि विधान के साथ पूजा की और भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर ढेडि़या से उनकी नजर उतारने के बाद उनके मंगलमय जीवन की कामना की। इसके बाद उन्हें रेवड़ी और चूड़ा का प्रसाद दिया। नवरात्र के बाद भाइयों के खुशहाल भविष्य और टोना-टोटका से बचाव के लिये ढेडि़या की आरती उतारने की परम्परा सालों से चली आ रही है।

बुरी शक्तियों से बचाने के लिए ढेडि़या

इसमें एक जारीदार पात्र में दीपक रखकर और उसे ऊपर से मिट्टी के पात्र से ढका जाता है। आरती उतारने के बाद उसे पूजा घर में रख दिया जाता है। शहर के सिद्धपीठ और देवी मंदिरों में ढेडि़या का विशेष श्रृंगार किया जाता है। शाम को विशेष श्रृंगार के साथ ही माता की भव्य आरती उतारने की परम्परा भी चली रही है। चतुर्दशी की शाम को बहनों ने अपने भाइयों की मंगलकामना और बुरी शक्तियों के प्रभाव से बचाने के लिये ढेडि़या की आरती उतारी।

मां कल्याणी देवी मंदिर में विशेष आयोजन

महाशक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में ढेडि़या का वार्षिक महाश्रृंगार किया गया, इस मौके पर शाम को विशेष आरती का आयोजन किया गया। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के दृश्य कला विभाग के एचओडी डॉ। अजय जेतली के निर्देशन में एक शानदार झांकी प्रस्तुत की गई। झांकी के जरिए मां गंगा के गोमुख से निकलकर प्रयाग पहुंचने की यात्रा की शानदार प्रस्तुति की गई। महाशक्तिपीठ मां कल्याणी देवी जी मंदिर के अध्यक्ष सुशील कुमार पाठक ने बताया कि सवा सौ वर्षो से ढेडि़या पर्व पर मंदिर में विशेष श्रृंगार व आरती का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद मां का श्रृंगार भव्य तरीके से किया गया। ललिता देवी मंदिर में भी पर्व पर विशेष श्रृंगार के साथ आरती उतारी गई तथा प्रसाद वितरण किया गया।