- विविध लोक रंगों की प्रस्तुतियों ने जीता दिल

- चलो मन गंगा यमुना तीर में कबीर, मीरा व तुलसी के निगुर्ण व भजनों पर झूमे श्रोता

<- विविध लोक रंगों की प्रस्तुतियों ने जीता दिल

- चलो मन गंगा यमुना तीर में कबीर, मीरा व तुलसी के निगुर्ण व भजनों पर झूमे श्रोता

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: संगम क्षेत्र में चल रहे माघ मेला में लोक कलाओं के साथ ही भक्तिपूर्ण भजनों की प्रस्तुतियां भी लोगों को परमआनंद की अनुभूति करा रही है। एनसीजेडसीसी की ओर से आयोजित हो रहे कार्यक्रम चलो मन गंगा यमुना तीर में भी थर्सडे को ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जहां कबीर,मीरा व तुलसी के निगुर्ण व भजनों को संगीतमय प्रस्तुतियों ने लोगों को आस्था के विविध रंग दिखाए। कार्यक्रम के तीसरे दिन की शुरुआत आयना बोस के भजनों से हुई। गणेश वंदना और गंगा को समर्पित गीतों ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद यज्ञ नारायण पटेल ने निगुर्ण माटी का चोला माटी में मिल जाएगाकी शानदार प्रस्तुति दी। दर्शकों ने भी इन भजनों व निगुर्ण की प्रस्तुतियों ने भक्ति की सरिता में डूबने पर मजबूर कर दिया।

मंच पर रेखांकित की मणिपुरी संस्कृति

चलो मन गंगा यमुना तीर कार्यक्रम के सायंकालीन सत्र की शुरुआत भी भजनों से हुई। जिसमें शहर के साथ ही मध्य प्रदेश से आए कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी। इसके बाद मणिपुर के कलाकारों ने अपने पारम्परिक नृत्य की प्रस्तुतियों से वहां की संस्कृति को बेहद शानदार तरीके से रेखांकित किया। इस दौरान कलाकारों ने बसंत रास, लाई हरोबा एवं ढोलचोलम की प्रस्तुतियों ने लोगों को रोमांचित कर दिया। इसके बाद उड़ीसा के कलाकारों ने शास्त्रीय नृत्य को अपनी शास्त्रीयता से प्रभावित करने वाले गोटीपुआ लोक नृत्य को पेश किया। कार्यक्रम में गुजरात से आए कलाकारों ने राठवानी गैर, आंध्र प्रदेश के कलाकारों ने लोकनृत्य कोया समेत अन्य प्रस्तुतियां लोगों के सामने पेश की। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन नंदल हितैषी ने किया।