- एनसीजेडसीसी में चल रहे बालोत्सव का समापन

- कार्यक्रम के दूसरे दिन बच्चों ने दीं विभिन्न प्रस्तुतियां

ALLAHABAD: हर बच्चे में हुनर होता है, बस जरूरत होती है, उसे निखार कर लोगों के सामने लाने की। एनसीजेडसीसी में चल रहे दो दिवसीय बालोत्सव ख्0क्भ् के आखिरी दिन ऐसा ही नजारा देखने को मिला। पन्द्रह दिनों की वर्कशाप के बाद बच्चों ने बालोत्सव कार्यक्रम में अपनी मेधा की शानदार प्रस्तुति देकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। समारोह में बुधवार को कार्यक्रम की शुरुआत पारम्परिक वाद्य यंत्र ढोलक की प्रस्तुति से हुई। प्रशिक्षिका पायल बनौधा के निर्देशन में बाल कलाकारों ने ढोलक वादन की शानदार प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों के ऊपर अपनी प्रतिभा की अद्भुत छाप छोड़ी। दर्शकों ने भी तालियां बजाकर बच्चों का उत्साह बढ़ाया।

लोक नृत्य की प्रस्तुति ने बांधा समां

बालोत्सव कार्यक्रम में द्वाबा क्षेत्र के लोक नृत्य ढेडि़या की बाल कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति की। सुप्रिया सिंह रावत के निर्देशन में लोक नृत्य को कलाकारों ने बेहद मोहक अंदाज में प्रस्तुत किया। नृत्य के माध्यम से ढेडि़या पर्व पर बहनों द्वारा भाइयों को शनी की कुदृष्टि से बचाने के लिए किये जाने वाले कार्यो को बेहद सधे अंदाज में पेश किया। इसके बाद बच्चों ने ट्रेनर सचिन चन्द्रा के निर्देशन में नाटक लखन पटवारी की प्रस्तुति दी। लोक कथा पर आधारित इस हास्य नाटक के पात्रों को बाल कलाकारों ने अपने अभिनय से जीवंत कर दिया। इस दौरान कलाकारों ने कई अन्य प्रस्तुतियां भी दी। जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। प्रोग्राम में बड़ी संख्या में बच्चें और उनके पैरेंट्स समेत अन्य गेस्ट मौजूद रहे।