- नोट की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल हो रहा स्प्रे हो सकता है खतरनाक

BAREILLY:

थूक लगाकर नोट गिनने की आदत है, तो उसे तुरंत बदल दीजिए। यह आदत कहीं आपके दिल की धड़कनों को न रोक दे। क्योंकि सेफ्टी के लिए बैंक्स करेंसी पर जो केमिकल यूज करते हैं, वह जानलेवा है। डॉक्टर्स की मानें तो यह केमिकल स्लो पॉइजन का काम करता है।

होता एंटी टर्माइट का इस्तेमाल

सभी बैंक्स नोट की सुरक्षा के लिए करेंसी चेस्ट में एंटी टर्माइट ट्रीटमेंट कराते हैं। ताकि, नोट एक-दूसरे से चिपक कर खराब न हो और दीमक न लगे। केमिकल के पावर के हिसाब हर तीन और छह महीने में इस स्पे्र का इस्तेमाल किया जाता है। करेंसी चेस्ट से यह नोट निकलने के बाद सीधे पब्लिक के हाथ जाता है। ऐसे में बार-बार हाथों में थूक लगा कर नोट गिनने की आदत आपको तमाम गंभीर बीमारियों की चपेट में ला सकती है। कम उम्र और वेट के लोगों पर स्प्रे का प्रभाव सबसे अधिक देखने को मिल सकता है।

स्लो पॉइजन से कम नहीं

डॉक्टर्स का कहना है कि नोट गिनने की यह आदत स्लो पॉइजन से कम नहीं है। यदि, लंबे समय तक थूक लगा कर नोट गिना जाए तो व्यक्ति तमाम बीमारियों की चपेट में आ चुका है। मांसपेशियां काम करना बंद कर सकती हैं। पुतलियां छोटी हो सकती है, कम दिखाई देना, दिल की धड़कन बढ़ जाना, लार टपकना, दौरे पड़ने के साथ ही व्यक्ति को लकवा भी हो सकता है।

सावधानी ही बचाव

ऐसे में नोट गिनते वक्त सावधानी ही आपको तमाम बीमारियों से बचा सकती है। थूक लगा कर नोट गिनने की बजाय पानी के स्पंज का यूज करना बेहतर ऑप्शन है। एक बात और स्पंज का पानी रोज बदलना और समय-समय पर डिटॉल का इस्तेमाल करना बेहतर है। ताकि, नोट की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होने वाले स्प्रे के प्रभाव से बचा जा सके।

नोट खराब न हो इसके लिए एंटी टर्माइट ट्रीटमेंट किया जाता है। ताकि, नोट में सीलन, दीमक न लगे। नोट गिनते समय हम लोग भी पानी के स्पंज का इस्तेमाल करते है।

राजेंद्र कुमार, डिप्टी मैनेजर, करेंसी चेस्ट, एसबीआई

यह व्यक्ति पर स्लो पॉइजन की तरह असर करता है। इसमें व्यक्ति की मांसपेशियां शिथिल हो जाती है। जिससे व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। समय पर इलाज नहीं होने पर मौत भी हो सकती है।

सोमेश मेहरोत्रा, फिजिशियन