एसबीआई ने की प्रधान डाकघर से हैरतंगेज पेशकश, अफसर परेशान

डाकघर भी कैश की कमी से जूझ रहे

रोजाना है दो करोड़ का ट्रांजेक्शन

ALLAHABAD: बैंक ही नहीं, शहर के डाकघर भी पैसे की कमी से जूझ रहे हैं। हालात यह हैं कि अपने खाते से पैसे निकालने वालों को डाकघरों में पैसे के अभाव में चलता किया जा रहा है। इस समस्या से जूझ रहे प्रधान डाकघर ने एसबीआई से कैश की मांग की तो अधिकारियों ने करोड़ों के सिक्के भेजने की पेशकश कर दी। इससे डाकघर में हड़कंप मचा हुआ है। उनका कहना है कि ग्राहकों को हजारों के सिक्के देना व्यवहारिक नहीं है। इससे जनता को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

62 शाखाओं में है पैसे का सूखा

शहर में प्रधान डाकघर की कुल 62 शाखाएं हैं। सभी जगह स्थानीय लोगों ने खाते में पैसा जमा कराया था। नोट बंदी के बाद यहां भी पैसे की समस्या सिर चढ़कर बोल रही है। प्रधान डाकघर को भी पिछले एक सप्ताह से पर्याप्त कैश नहीं मिला है। ऐसे में तमाम छोटे डाकघरों में ट्रांजेक्शन पूरी तरह बंद होने की कगार पर है। बमुश्किल खाता धारकों को दो हजार रुपए दिए जा रहे हैं। यही हाल प्रधान डाकघर हैं, जहां हजारों खाता धारकों को पैसा नही मिलने से आक्रोश पनप रहा है।

जवाब सुनकर उड़ गए होश

प्रधान डाकघर के अधिकारियों का कहना है कि पहले से उनके पास लाखों रुपए के दस के सिक्के मौजूद हैं। मजबूरी में लोगों को इन्हे देकर काम चलाना पड़ रहा है। कई ग्राहक हजारों के सिक्के लेने से इंकार कर देते हैं। ऐसे में एसबीआई से कैश मांगा गया तो अधिकारियों ने कहा कि हमारे पास कैश नहीं है। हो सके तो एक करोड़ के दस रुपए के सिक्के ले जाओ। यह सुनकर डाकघर के अधिकारियों के होश उड़ गए। इतने सिक्के ग्राहकों बांटना बेहद मुश्किल होगा।

प्रशासन से लगाई गुहार

मामला गंभीर होने पर प्रधान डाकघर अधिकारियों ने प्रशासन से गुहार लगाई है। उनका कहना है कि उन्हें तत्काल कैश उपलब्ध कराया जाए जिससे डाकघर की कार्यप्रणाली को संचालित किया जा सके। रोजाना खाता धारकों को वापस करने से हालात बिगड़ सकते हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने एसबीआई को डाकघरों को कैश उपलब्ध कराने को कहा है। इस पर बैंक ने भी जल्द से जल्द कैश भिजवाने का आश्वासन दिया है।

कैश नहीं होने से डाकघरों को बंद करने की नौबत आ गई है। खाता धारकों को वापस करना पड़ रहा है। एसबीआई का कहना है कि दस रुपए के सिक्के ले जाओ। इतने सिक्के कैरी करने और बांटने में काफी दिक्कत होगी। इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों के यहां दस्तक देनी पड़ी।

आरएन यादव, हेड पोस्ट मास्टर, प्रधान डाकघर