-चोरी की बिजली से चल रहा था राजकीय जिला महिला अस्पताल का निर्माण कार्य
-बिजली विभाग ने मारा छापा तो पकड़ी गयी लाखों रुपये की बिजली चोरी
-ठेकेदार के खिलाफ दर्ज कराया कोतवाली थाने में एफआईआर
VARANASI
पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में विकास की लहर चल रही है। हर तरफ कुछ नया और बेहतर हो रहा है। पर विकास की इस लहर को कुछ लोग अपने स्वार्थ में 'झटका' दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शनिवार को सामने आया है। कबीरचौरा स्थित राजकीय महिला अस्पताल में 100 बेड के एमसीएच विंग का निर्माण हो रहा है। इसमें चोरी की बिजली इस्तेमाल हो रही थी। इसका खुलासा तब हुआ जब बिजली विभाग ने छापा मारा। अधिकारियों के लिए चोरी की बिजली से हो रहा सरकारी कार्य चौंकाने वाला रहा। तत्काल कार्रवाई करते हुए संबधित ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है। हालांकि से इससे बिजली विभाग को लाखों की चपत लगी है। इस मामले से सबक लेते हुए विभाग शहर में चल रहे सरकारी कार्यो में बिजली के इस्तेमाल को लेकर अलर्ट हो गया है। एमडी ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अगर किसी जगह इस तरह की बिजली चोरी पायी जाती है तो इसकी जिम्मेदारी संबधित इलाके के अधिकारी की होगी।
25 किलोवाट का था लोड
बिजली विभाग के प्रवर्तन व खंडीय टीम के अधिकारियों ने निर्माणाधीन हॉस्पिटल में छापेमारी के दौरान 25 किलोवाट लोड के बिजली का अनाधिकृत रूप से इस्तेमाल होता पाया गया। यहां पर एलटी लाइन से तीन फेज व सिंगल फेज के अलग-अलग तीन केबल जोड़कर बिना मीटर अवैध रूप से बिजली का इस्तेमाल की जा रही थी। टीम के अधिकारियों ने निर्माण कार्य करा रहे अनुबंधित ठेकेदार अवधेश चंद्र श्रीवास्तव के खिलाफ एलएमबी-9,25 एक्ट के तहत कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराया। प्रवर्तन दल के प्रभारी दीपक कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम में एसडीओ योगेश कुमार गुप्त, एसडीओ शशि कुमार सिंह, संजय कुमार मारकण्डेय सिंह, दिग्विजय सिंह, आदि शामिल थे।
लगाया लाखों का चूना
विकास के नाम पर चल रहे हॉस्पिटल के निर्माण कार्य ने बिजली विभाग को तकरीबन 20 लाख का चूना लगाया है।
25
किलोवाट का बिजली का लोड था निमार्ण स्थल पर
25
यूनिट प्रति घंटा बिजली खर्च होती है इतने लोड पर
08
घंटे प्रतिदिन है कार्य का मानक
200
यूनिट खर्च होगी बिजली इस तरह प्रतिदिन
08
रुपये चार्ज है प्रति यूनिट बिजली का
1600
रुपये खर्च आता है हर रोज बिजली का
48,000
रुपये महीने भर में आएगा बिजली का चार्ज
5,76,000
रुपये एक साल होगा बिजली का खर्च
1,728,000
रुपये होगी तीन साल में अवैध रूप से इस्तेमाल की गयी बिजली की कीमत
बॉक्स
कनेक्शन लेना जरूरी
सरकारी हो या गैर सरकारी सभी तरह के निर्माण कार्य के लिए बिजली कनेक्शन लेना अनिवार्य है। आवेदन करने पर विभाग के अधिकारी लोड की गणना कर अस्थाई कनेक्शन जारी करते हैं। कनेक्शन जारी होते ही निर्माण स्थल पर मीटर लगा दिया जाता है। मीटर रीडिंग के हिसाब से बिजली का बिल चुकाना पड़ता है। पर अब विभाग अस्थाई कनेक्शन में प्री पेड मीटर लगा रहा है। जिसमें कनेक्शन लेने के समय ही पहले की खर्च होने वाले अनुमानित बिजली का मूल्य जमा कर देना होता है।
अवैध बिजली से थाने रोशन
शहर के कई थाने और चौकियां भी अवैध बिजली कनेक्शन से रोशन हो रही हैं। कई थानों में या तो कनेक्शन है नहीं और अगर है तो वहां मीटर नहीं लगा है। कुछ थानों पर तो लाखों रुपये बिजली का बिल भी बकाया है। पर इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
अवैध रूप से बिजली का इस्तेमाल कर निर्माण कार्य होता हुआ पाया जायेगा तो संबधित व्यक्ति के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जायेगी। इसके अलावा क्षेत्रीय अधिकारी को भी जिम्मेदार मानते हुए उसकेखिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी।
गोविंद राजू एनएस, एमडी पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम