थोक में गिरा है सब्जियों का दाम तो फुटकर में बढ़े रेट पर हो रही है बिक्री

लगन के बाद से घटे हैं दाम लेकिन पब्लिक को नहीं मिल रहा फायदा

ALLAHABAD: पब्लिक को महंगाई से आसानी से निजात नहीं मिलने वाली है। अगर चीजों के दाम घटते भी हैं तो इसका फायदा बिचौलिए उठा लेते हैं। सब्जियों के दामों के साथ ऐसा ही हो रहा है। लगन खत्म होने के बाद जमीन में सब्जियों के दाम जरूर आ गए हैं लेकिन केवल थोक मार्केट में। फुटकर में इनका रुतबा कायम है, जिसकी कीमत पब्लिक को जेब हल्की कर चुकानी पड़ रही है।

तेजी से गिर गए थे दाम

दस दिसंबर तक इस साल की अंतिम सहालग थी। इसके बाद डिमांड घटने के पर सब्जियों के दाम अचानक नीचे आ गए। इसका नुकसान किसानों और थोक व्यापारियों को हुआ। लेकिन बिचौलिए इसका फायदा उठाने में एक बार फिर कामयाब रहे। उन्होंने थोक मंडी से माल उठाकर फुटकर मंडियों में अधिक दाम पर ही बेचा। इससे पब्लिक को सब्जियां सस्ती होने की खबर तक नहीं हुई।

तो मुंडेरा मंडी से खरीद लें सब्जी

अगर पब्लिक को महंगाई से निजात पानी है तो उसे सब्जियों की खरीदारी सीधे मुंडेरा मंडी से करनी चाहिए। ऐसा इसलिए कि यहां कम दाम में सब्जी मिल जाएंगी, बल्कि शहर की अन्य मंडियों में सब्जी का दाम काफी अधिक लगाया जा रहा है। आइए जानते हैं कि किस प्रकार दामों में हो रहा है उतार-चढ़ाव

सब्जी लगन में लगन के बाद फुटकर में

बैंगन 20 5-6 15-16

खीरा 40 20 30

टमाटर 1000 रू। प्रति कैरेट 300 रुपए कैरेट 600 रुपए कैरेट

मटर 40 20 30

प्याज 45 25 30

मूली 15 7-8 10

पालक 15-20 5-6 10

आलू 10-12 5-6 8

सस्ते में बेचने को मजबूर

मुंडेरा मंडी में सस्ते दामों पर सब्जियां बेचने को किसान मजबूर हैं। उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। यहां आढ़ती उनको अधिक दाम नहीं दे पाते हैं। इस साल अच्छी फसल होने की वजह से किसानों को अधिक मुनाफा नहीं हो पा रहा है। रही सही कसर लगन ने पूरी कर दी। फिर भी मार्केट में महंगाई होने पर उनको आश्चर्य हो रहा है।

अब है मेले का इंतजार

हालांकि किसानों ने हौसला नहीं खोया है। उनको पता है कि माघ मेला शुरू होते ही सब्जियों के दाम में उछाल आ जाएगी। डिमांड बढ़ जाने से थोक मार्केट में भी उनको अच्छा दाम मिलेगा। इससे एक तरफा मुनाफा लेने वाले बिचौलियों का भी नुकसान होगा। सोरांव के किसान बुरादालाल और गिरीश कहते हैं कि दस जनवरी के बाद सब्जियों के दाम बढ़त होना तय माना जा रहा है।

थोक में तो सब्जी का दाम काफी कम हो गया है। किसान भी निराश हैं। सहालग के बाद उनको पहले जैसी कीमत नहीं मिल रही है। अब फुटकर मार्केट में भी सब्जी सस्ती मिलनी चाहिए। प्रशासन को कदम उठाना चाहिए।

-सतीश कुशवाहा, अध्यक्ष, मुंडेरा सब्जी मंडी

आढ़तियों को भी अधिक फायदा नहीं हो रहा है। हम तो सस्ता माल खरीदकर उसे कम दामों में ही बेच रहे हैं। मुनाफा तो बिचौलिए कमा रहे हैं। लोगों को इस सीजन ओर अच्छी पैदावार में भी सस्ती सब्जी नहीं मिल रही है।

लालचंद कुशवाहा, आढ़ती