पोर्न सीडी सेलिंग से बने रिश्ते ने लांघी मर्यादा

साइबर कैफे संचालक की हत्या का पुलिस ने किया खुलासा

महिला समेत दो गिरफ्तार, एक आरोपी फरार

पड़ोसी थे तब देवर भाभी का रिश्ता था। भाभी तब अपने पति के साथ दुकान पर हाथ बंटाया करती थी। शॉप थी वीडियो सीडी की। चोरी छिपे यहां से पोर्न वीडियो वाली सीडी भी बेची जाती थी। एक बार महिला ने एक पोर्न सीडी पड़ोस में रहने वाले वाले युवक को दे दी। इसके बाद देवर भाभी में नजदीकियां बढ़ गई। हदें पार करके यह रिश्ते की मर्यादा लांघ गई और नौबत यह आ गई कि पत्‍‌नी को प्रेमी के साथ मिलकर पति का ही खून कराना पड़ गया। पुलिस ने झूंसी में साइबर कैफे संचालक की हत्या का खुलासा करते हुए यह चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे। मृतक की पत्‍‌नी और एक आरोपी को जेल भेज दिया गया है जबकि एक अब भी पकड़ से बाहर है।

टीचर का बेटा है आरोपी

झूंसी पुलिस के अनुसार करीब आठ साल पहले कौंशाबी से आकर यहां बसे विजय शंकर ने सीडी का बिजनेस शुरू किया था। विजय का पड़ोसी रामेंद्र सिंह उर्फ मिंटू था। उसके पिता टीचर हैं। दुकान पर कभी कभार विजय की पत्‍‌नी आरती भी बैठ जाती थी। पुलिस ने आरती के साथ चंद्रमा सिंह उर्फ चंदन पुत्र त्रिभुवन निवासी बिरगापुर थाना उतरांव को जेल भेजा है। मुख्य आरोपी रामेंद्र सिंह उर्फ मिंटू उर्फ मिंटर पुत्र राधेश्याम सिंह अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है। पुलिस ने पहले दिन ही हत्या में प्रयुक्त मूसल को किचन से बरामद कर लिया था।

इकलौता बेटा था विजय

कौशाम्बी के सरायआकिल निवासी विजय शंकर पांडेय अपने घर का इकलौता चिराग था। उसकी दो बहनें भी हैं। दोनों का विवाह हो चुका है। विजय झूंसी मेंआठ साल पहले बसंत बिहार में किराए के मकान में रहता था। तब उसकी एक बेटी अर्पिता मात्र चार साल की थी। आवास विकास कालोनी में विजय शंकर ने एक सीडी की दुकान खोली थी। उसके कमरे के बगल में उतरांव थाना के बिरगापुर गांव का छात्र रामेंद्र सिंह उर्फ मिंटू उर्फ मिंटर रहता था। उसका विजय के घर में आना जाना था। विजय की पत्‍‌नी को वह भाभी कहता था। पुलिस के अनुसार मिंटू को एक बार विजय की पत्‍‌नी आरती ने अश्लील सीडी दी तो रिश्ते बदल गए और दोनों एक-दूसरे से काफी खुल गए। इसके बाद दोनों के शारीरिक सम्बंध बन गये। यह बात विजय को पता लगी तो उसने पत्‍‌नी को डांट फटकार लगायी। लेकिन वह नहीं मानी। उसके साथ उसके रिश्ते बने रहे।

मकान बेचकर हो गया शिफ्ट

तंग आकर विजय शंकर ने उस मकान को छोड़ दिया और हवेलिया के शिवगंगा कालोनी में जमीन लेकर मकान बनवा लिया। इसके बाद मिंटू और आरती के बीच दूरी बन गई लेकिन ज्यादा दिन तक दोनों इसे बर्दाश्त नहीं कर सके। मिंटू का आरती के घर आना-जाना फिर से शुरू हो गया। अब विजय साइबर कैफे खोल चुका था। उसे इसकी जानकारी हो गई तो उसने आरती को कड़ी फटकार लगाई और चेतावनी दी थी कि भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए। इसके बाद भी आरती के कदम नहीं रुखे और उसने मिंटू के साथ मिलकर खतरनाक फैसला ले लिया।

योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दी घटना

पुलिस के अनुसार घटना की रात सब कुछ योजनाबद्ध था। विजय शंकर को उसकी पत्‍‌नी आरती ने खाने के पहले शराब पिलायी। उसने चालाकी से शराब में नींद की गोलियां डाल दी थीं। देर रात मिंटू अपने साथी चंदन के साथ हवेलिया पहुंचा। कुछ देर तक आरती व मिंटू कमरे में रहे। आधे घंटे बाद जब निकले तो आरती के हाथ में लोहे का मूसल था। मूसल से उसने पहले विजय की कनपटी पर वार किया। इसके बाद मिंटू ने भी मूसल से एक के बाद एक कई वार सिर के पिछले हिस्से पर किये। इसके बाद वह लहूलुहान होकर बेसुध हो गया। इसके बाद दोनों ने मिलकर बिजली के तार से उसका गला घोंट दिया। विजय की मौत हो जाना आश्वस्त कर लेने के बाद बॉडी को बिस्तर में लपेट कर तीनों सीढ़ी के सहारे छत पर चढ़े और ऊपर से ही पानी में फेंक दिया। इसके बाद मिंटू व चंदन गांव बिरगापुर चले गये। इसके बाद आरती ने पड़ोसी को उसके गायब होने व मरने की सूचना दी। जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची और डाग स्क्वायड को मौके पर बुलाया। खोजी कुत्ता घर में तीन बार चक्कर लगाकर भौंकने लगा तो पुलिस को समझ आ गया कि हत्यारा कहीं और नहीं बल्कि घर में ही है। इसके बाद आरती को थाना लाकर पूछताछ की। जिसमें घटना परत दर परत खुलती गयी।