-साइबर सेल में आठ माह में एटीएम फ्रॉड के आए 115 मामले

-75 लोगों के साइबर सेल ने रुपए कराए वापस, अन्य की जांच जारी

केस 1-स्कूल संचालिका तस्लीम बानो के अकाउंट से साइबर ठगों ने 34 हजार रुपए निकाल लिये थे। उन्होंने तुरंत साइबर सेल से संपर्क किया तो साइबर सेल ने माल की डिलीवरी रुकवाकर 20 हजार रुपए रिफंड करा दिए

केस 2-राकेश कुमार के अकांउट से भी साइबर ठगों ने 60 हजार रुपए निकाल लिये थे। साइबर सेल में संपर्क करने पर उनके 30 हजार रुपए अकाउंट में वापस आ गए हैं।

केस 3-शाही के रहने वाले जितेंद्र के पेटीएम के जरिए 43,000 रुपए ट्रांसफर कर लिए गए थे। साइबर सेल ने रुपए ट्रांसफर करने वाले को ट्रेस कर लिया है। जल्द ही उसके भी रुपए वापस हो जाएंगे।

BAREILLY: साइबर ठगी के शिकार लोगों के लिए साइबर सेल मददगार बन रही है। साइबर सेल के क्विक एक्शन से ठगी के शिकार लोगों के रुपए भी वापस मिल रहे हैं। आठ महीने में साइबर सेल में साइबर ठगी के 115 मामले सामने आए हैं। इनमें से 65 परसेंट लोगों के रुपए साइबर सेल वापस करा चुकी है। हालांकि झारखंड के नक्सल एरिया में साइबर ठगों का ठिकाना होने के चलते उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है।

एटीएम से जुड़ी इनफॉरमेशन लेते हैं ठग

साइबर सेल में साइबर ठगी के अधिकांश मामले एटीएम फ्रॉड से जुड़े होते हैं। साइबर ठग लोगों को फोन या मेसेज के जरिए एटीएम ब्लॉक होने का बहाना बनाते हैं और उसके बाद उनसे एटीएम नंबर, पिन नंबर, सीवीवी नंबर, आधार नंबर या फिर बैंक अकाउंट से जुड़ी अन्य इनफॉरमेशन लेकर अकाउंट से रकम निकाल लेते हैं। जिन लोगों को ठगे जाने का तुरंत पता चल जाता है वह तुरंत पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंच जाते हैं। उनका रुपया पुलिस रिफंड करा लेती है।

70 फीसदी रकम हुई रिफंड

साइबर सेल में 1 जनवरी से 28 अगस्त तक साइबर ठगी के 115 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से अधिकांश एटीएम ब्लॉक करने के बहाने ठगी के ही मामले हैं। इनमें से 75 मामलों में साइबर सेल ने रुपए वापस करा दिए हैं। साइबर सेल के मुताबिक औसतन 65 से 70 परसेंट रकम वापस हो गई है, जो लोग शिकायत लेकर पहले आ जाते हैं, उनके अकाउंट की डिटेल से तुरंत माल डिलीवर करने वाली कंपनी को फोन और मेल से संपर्क किया जाता है और फ्रॉड की जानकारी दी जाती है। जिसके बाद डिलीवरी रोक दी जाती है और अकाउंट में रकम रिफंड हो जाती है।

ऑनलाइन शॉपिंग की दी जाती है ट्रेनिंग

साइबर सेल की जांच में अधिकांश मामलों में साइबर ठगों के नंबर झारखंड के जामतारा और गिरडीह डिस्ट्रिक्ट के आए हैं। यह नक्सली एरिया हैं। यहां जब भी कोई टीम जाती है तो वहां की पुलिस सपोर्ट नहीं करती है और कई बार वहां के लोग हमला भी कर देते हैं। यहां लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग की 5-5 हजार रुपए में ट्रेनिंग भी दी जाती है।

इन बातों का रखें ध्यान

-कोई भी बैंक फोन या मेसेज कर बैंक अकाउंट या एटीएम से जुड़ी इनफॉरमेशन नहीं लेता है

-इस तरह के किसी भी कॉल पर बैंक अकाउंट से जुड़ी कोई भी इनफारमेशन न दें

-कभी भी एटीएम नंबर, सीवीवी नंबर, एटीएम पिन नंबर और ओटीपी और आधार नंबर की जानकारी न दें

-यदि एटीएम खो जाए या ब्लॉक भी हो जाए तो बैंक में जाकर ही संपर्क करें

-किसी को भी अपना एटीएम कार्ड न दें

-एटीएम केबिन में रुपए निकालते वक्त आसपास ध्यान रखें

-किसी को भी पिन नंबर भी कभी न बताएं

साइबर ठगी के शिकार लोगों के रुपए वापस कराने के पूरे प्रयास किए जाते हैं। 115 में से 75 लोगों के रुपए वापस भी कराए जा चुके हैं। ठगों के भी पकड़ने के प्रयास जारी हैं।

रमेश कुमार भारतीय, एसपी क्राइम