पुलिस के लिए टफ टारगेट बन गया
आपको इस थाना से उस थाना के चक्कर लगाने पड़ते हैं। काफी मशक्कत के बाद यदि केस दर्ज भी हो गया, तब भी रुपए वापस आने में 100 कठिनाइयां। इन्हीं सब कारणों को देखते हुए राज्य सरकार ने हर जिले में साइबर अपराध से संबंधित एक थाना खोलने का निर्णय लिया है, लेकिन अब तक यह संभव नहीं हो सका है, जिसका खामियाजा राज्य की जनता हर दिन भुगत रही है। नतीजन, साइबर क्राइम पुलिस के लिए टफ टारगेट बन गया है।

रांची में एक डीएसपी, दो इंस्पेक्टर
साइबर क्राइम के तरीकों में बदलाव के कारण यह झारखंड पुलिस के लिए टफ टारगेट बन गया है। राजधानी की 14 लाख घनी आबादी को मात्र एक साइबर थाना मिल पाया है। इस थाने में एक डीएसपी श्रद्धा केरकेट्टा समेत दो इंस्पेक्टर की टीम है, जो सारे मामलों की छानबीन करती हैं। यहां राज्यभर से दो लाख से ऊपर के मामले दर्ज होते हैं।

राजधानी समेत पांच जिलों में थाने
राजधानी रांची समेत जामताड़ा, देवघर, दुमका, धनबाद में साइबर थाने खुल चुके हैं। साथ ही पलामू और पश्चिम सिंहभूम में भी थाना खोलने की तैयारी है। इन थानों के अलावा सभी जिलों में साइबर अपराध पर काम करने के लिए अलग साइबर सेल का गठन भी किया गया है।

रांची साइबर थाने में 23 मामले दर्ज
रांची साइबर थाना में साइबर क्राइम से रिलेटेड 23 मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें 19 मामले पिछले साल 2016-17 के हैं, जबकि वर्ष 2018 के दो माह में चार मामले दर्ज हो गए हैं, जिनका अनुसंधान चल रहा है। राज्य के दूसरे जिलों में भी साइबर अपराध के गंभीर मामलों की छानबीन रांची साइबर थाना पुलिस के जिम्मे ही रहती है।

साइबर फ्रॉड के कैसे मामले
साइबर अपराध के मामले अगर दो लाख से कम के हों, तो उनकी प्राथमिकी साइबर थाने के अलावा अन्य किसी भी क्षेत्रिय थाने में दर्ज की जाती है। आंकड़ों की मानें, तो विगत वर्ष साइबर अपराध के करीब 414 मामले आए, जबकि इस वर्ष करीब 38 मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं।

बल की कमी से जूझ रहा थाना
रांची साइबर थाना बल की भारी कमी से जूझ रहा है। तकनीकी विशेषज्ञों के साथ-साथ इस तरह के मामलों की छानबीन के लिए बड़ी टीम की आवश्यकता होती है, लेकिन रांची साइबर थाना में मात्र एक डीएसपी और दो इंस्पेक्टरों की टीम इन बड़े मामलों की छानबीन कर रही है।

पुलिस को हाइटेक करने का प्रयास
साइबर क्राइम से निपटने के लिए पुलिस को हाइटेक करने का प्रयास जारी है। अनुसंधान प्रशिक्षण विद्यालय में हफ्ते में दो दिन पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। अभी तक 1586 पुलिस अधिकारियों को साइबर अपराध से निपटने की बेसिक ट्रेनिंग दी गई है।

सीआईडी चला रहा जागरूकता अभियान
सीआईडी टीम भी लगातार साइबर जागरूकता अभियान चला रही है। इसके अन्तर्गत अभी तक करीब 7500 छात्र-छात्राओं के बीच अभियान चलाया गया है, जिसका काफी फायदा आम लोगों को मिल रहा है।

बदलते परिवेश में साइबर अपराध बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। पुलिस इसपर लगातार काम कर रही है और तकनीकी रूप से टीम खुद को मजबूत करने में लगी है। सीआईडी भी लगातार अभियान चलाकर जागरूकता अभियान चला रहा है। लोगों को भी सहयोग देना चाहिए।
-आशीष बत्रा, पुलिस प्रवक्ता सह आईजी